Corona wave: डरा रही कोरोना की चौथी लहर की भविष्यवाणी, जानिए कब शुरू हो सकती है, कितने माह चलेगी?
भारत में कोरोना की चौथी लहर के आने की आशंका जताई जा रही है। सांख्यिकीय भविष्यवाणी के अनुसार चौथी लहर कम से कम चार महीने तक चले सकती है।
Highlights
- 4 माह चलेगी लहर, अगस्त के अंत में हो सकता है पीक!
- चौथी लहर की स्टडी के लिए 'बूटस्ट्रैप' पैटर्न का किया उपयोग
- नया वेरिएंट आया, तभी चौथी लहर की गंभीरता पता चलेगी: विशेषज्ञ
Corona wave: कोरोना की तीसरी लहर तेजी से कम होने की खबर हमें दिलासा दे ही रही थी कि चौथी लहर की भविष्यवाणी ने फिर चौंका दिया है। आईआईटी कानपुर की रिसर्च में आशंका जताई है कि देश में चौथी लहर 22 जून के आसपास शुरू हो सकती है, जो 24 अक्टूबर तक यानी 4 महीने चल सकती है। यह सांख्यिकीय भविष्यवाणी हाल ही में प्रीप्रिंट सर्वर MedRxiv पर पब्लिश हुई है। यह भविष्यवाणी इसलिए भी चौंका रही है क्योंकि इससे पहले इन्हीं के द्वारा की गई कोरोना की भविष्यवाणी दो बार सही निकली है। जानिए चौथी लहर का मामला क्या है?
4 माह चलेगी लहर, अगस्त के अंत में हो सकता है पीक!आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने के मुताबिक कोविड-19 की चौथी लहर कम से कम चार महीने तक चलेगी। यह सांख्यिकीय भविष्यवाणी 24 फरवरी को प्रीप्रिंट सर्वर MedRxiv पर पब्लिश हुई है। इन शोधकर्ताओं के अनुमान मुताबिक चौथी लहर का आंकड़ा 15 अगस्त से 31 अगस्त तक पीक पर पहुंच जाएगा। इसके बाद इसमें कमी आनी शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही उम्मीद जताई गई है कि कोरोना की चौथी लहर में बूस्टर डोज के साथ ही वैक्सीनेशन की स्थिति काफी महत्वपूर्ण रहेगी।
कितनी गंभीर होगी, लहर अभी से कहना मुश्किल
शोधकर्ताओं ने देश में कोरोना वायरस की चौथी लहर 22 जून के आसपास शुरू होने की आशंका जताई है। शोध रिपोर्ट में बताया गया है कि चौथी लहर का असर 24 अक्टूबर 2022 तक जारी रह सकती है। हालांकि, चौथी लहर की गंभीरता के बारे में अभी कुछ भी नहीं बताया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के सामने आने के बाद ही इसकी गंभीरता का पता चल पाएगा।
दो भविष्यवाणियां निकली सही
आईआईटी कानपुर के रिसर्चर्स की ओर से देश में कोविड -19 लहर को लेकर की गई भविष्यवाणी अब से पहले दो बार सही निकली है। विशेष रूप से तीसरी लहर के बारे में लगभग सटीक रही। ये शोध आईआईटी कानपुर के मैथेमेटिक्स एंड स्टैटिस्टिक्स डिपार्टमेंट के एसपी राजेश भाई, सुभरा शंकर धर और शलभ ने की थी। इन शोधकर्ताओं ने अपनी भविष्यवाणी के लिए सांख्यिकीय मॉडल का उपयोग करते हुए कहा कि कोरोना की चौथी लहर कोरोना महामारी की शुरुआत के करीब 936 दिन बाद आ सकती है।
चौथी लहर कब आएगी, इसके लिए 'बूटस्ट्रैप' पैटर्न का किया उपयोग
इन शोधकर्ताओं के मुताबिक देश में अनुमानित चौथी लहर 22 जून से शुरू हो सकती है. यह 15 अगस्त से 31 अगस्त तक अपने पीक पर पहुंच जाएगा और 24 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगी. शोधकर्ताओं के इस दल ने चौथी लहर के पीक के समय बिंदु के गैप की गणना करने के लिए 'बूटस्ट्रैप' नामक एक पद्धति का इस्तेमाल किया। उनका कहना है कि इस पद्धति का इस्तेमाल कर दूसरे देशों में भी चौथी और अन्य लहर की भविष्यवाणी के लिए किया जा सकता है।
अमेरिका में भी कुछ हफ्तों में चौथी लहर की आशंका
दुनियाभर के कई साइंटिस्ट्स को इस बात की आशंका है कि अमेरिका में अगले कुछ हफ्तों में कोरोना वायरस की चौथी लहर आएगी। अमेरिका को इस संक्रामक लहर से राहत गर्मियों में मिलेगी। अब लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या ये नई दुनिया में नए वायरस की शुरुआत है. या फिर पुराने कोरोना वायरस का अंत होगा। साइंटिस्ट्स ने इसके पीछे एक बड़ी वजह भी बताई है। साथ ही ये भी बताया है कि इसे कैसे रोका या नियंत्रित किया जा सकता है।
कोरोना प्रतिबंधों में छूट के दौरान लापरवाही बन सकती है बड़ी वजह
द न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित खबर के अनुसार अमेरिका के साइंटिस्ट्स का मानना है कि उनके देश में कोरोनावायरस को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों में जो छूट दी दी जा रही है या दी जाने वाली है, उसकी वजह से पूरे देश में कोरोना वायरस की चौथी लहर आ सकती है। क्योंकि अमेरिकी लोग अब भी कोरोना वायरस को कमजोर मान रहे हैं। अमेरिका में अभी दो वैक्सीन दी जा रही है। जल्दी ही तीसरी वैक्सीन भी लोगों को दी जाएगी। इससे चौथी लहर का असर काफी कम हो सकता है, लेकिन अमेरिका द्वारा दिए गए प्रतिबंधों में छूट का गलत उपयोग किया गया या लापरवाही की गई, तो चौथी लहर को आने से कोई नहीं रोक सकता।
यूएस में 5 लाख लोगों की हो चुकी है मौत
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के एपिडेमियोलॉजिस्ट एडम कुचार्स्की कहते हैं कि चौथी लहर का मतलब मुझे नए स्ट्रेन्स की वजह से फैले संक्रमण का ही ख्याल आता है। नए स्ट्रेन्स का होना मतलब एक महामारी के अंदर ही दूसरी महामारी का फैलना। एडम ने बताया कि अमेरिका में 5 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। हाल ही में 2.83 करोड़ लोगों के संक्रमित होने का डेटा सामने आया था।