देशभर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की रफ्तार भी तेज है। ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए देश के अलग-अलग राज्यों ने कोरोना गाइडलाइन भी जारी की थी। दूसरी तरफ, इससे पहले डेल्टा वेरिएंट भी अपना भयानक रूप दिखा ही चुका है। अब साइप्रस में कोरोना का नया स्ट्रेन डेल्टाक्रॉन भी सामने आया है। डेल्टाक्रॉन की 25 मरीजों में पुष्टि हुई है।
वायरस का पता लगाने वाले वैज्ञानिकों की मानें तो ये डेल्टा और ओमिक्रॉन का मिक्स है। यानी डेल्टाक्रॉन के मरीजों में कोरोना के दोनों वेरिएंट के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। इसने एक बार फिर वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है। साइप्रस के वैज्ञानिकों ने GISAID को अपना डेटा भेज दिया है। GISAID का काम कोरोना से संबंधित डेटा कलेक्ट करने का है। फिलहाल अभी किसी देश में ऐसे किसी वायरस की पुष्टि नहीं हुई है।
नए स्ट्रेन का पता लगाने वाले वैज्ञानिकों ने पाया कि होम आइसोलेट मरीजों की तुलना में अस्पताल में भर्ती मरीजों में डेल्टाक्रॉन पाया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि समय के साथ इस बात का पता चलेगा कि क्या ओमिक्रॉन से ज्यादा तेजी से फैल रहा है या नहीं। फिलहाल अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, इस स्ट्रेन के ओमिक्रॉन से भी ज्यादा तेजी से फैलने की आशंका है।
साइप्रस के वैज्ञानिकों की इस खोज ने अन्य देशों के वैज्ञानिकों की भी चिंता बढ़ा दी है। यही वजह है कि अन्य देश भी ऐसे ही मरीजों की जांच करने में जुट गए हैं। साइप्रस के वैज्ञानिक ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इसके बाद ये भी सवाल उठाए जा सकते हैं कि ऐसा वायरस सिर्फ एक टेक्नीकल एरर से बढ़कर कुछ भी नहीं है। लेकिन ऐसा सत्य नहीं है। फिलहाल अभी नए स्ट्रेन को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि अभी इस पर रिसर्च की जा रही है। एक बार रिसर्च पूरी होने के बाद इस पर आगे की जानकारी दी जाएगी।
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