देश में कोरोना की रफ्तार थम गई है। बीते 24 घंटे में 2,568 नए मामलों की पुष्टि हुई है और 4 हजार 722 मरीज ठीक हुए हैं। साथ ही कोरोना के 97 मरीजों की मौत हुई है। अभी देश में 33 हजार 917 एक्टिव केस हैं और पॉजिटिविटी रेट भी 0.37 प्रतिशत पहुंच गई है। कोरोना से अब तक 5 लाख 15 हजार 974 लोगों की मौत हो चुकी है।
दूसरी तरफ, चीन में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लग गए हैं। चीन, वह देश जिसने पहली बार नोवेल कोरोनावायरस का पता लगाया था, उन कुछ देशों में से एक है जिन्होंने फाइजर और मॉडर्न द्वारा विकसित असाधारण रूप से प्रभावी एमआरएनए कोविड वैक्सीन में से किसी का आयात नहीं किया है। इसकी बजाय, यह अब तक दो चीनी कंपनियों, सिनोवैक और सिनोफार्म द्वारा विकसित टीकों पर निर्भर है। हालांकि चीन अब अपना खुद का एमआरएनए वैक्सीन विकसित कर रहा है।
सिनोवैक और सिनोफार्मा दोनों टीके एक पारंपरिक डिजाइन का उपयोग करते हैं, जिसमें कोरोना वायरस के तमाम स्वरूप होते हैं, जो निष्क्रिय हो गए हैं- टीके बनाने का एक आजमाया हुआ तरीका जो काम करता है। हालांकि, ये टीके शुरू में लोगों को लक्षण वाला कोविड होने से रोकने में काफी अच्छे थे, यह सुरक्षा समय के साथ काफी कम हो गई। ये टीके ओमिक्रोन के संक्रमण से भी पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं। इसने चीन पर अधिक प्रभावी टीके विकसित करने का दबाव डाला है, क्योंकि वह वायरस के खिलाफ सख्त नियंत्रण नीति अपना रहा है।
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