नागांव (असम): कई विवादों में फंसी असम पुलिस की महिला सब इंस्पेक्टर की मंगलवार (16 मई) तड़के एक सड़क हादसे में मौत हो गई। नागांव जिले में कलियाबोर अनुमंडल के जाखलाबंधा थाना क्षेत्र के तहत सरुभुगिया गांव मे महिला पुलिस अधिकारी की कार एक कंटेनर ट्रक से टकरा गई जिससे उसकी मौत हो गई। हादसे के समय वह अपनी निजी कार में थी और उन्होंने पुलिस की वर्दी धारण नहीं कर रखी थी।
लेडी सिंघम' और 'दबंग कॉप' के नाम से मशहूर थी जुनोमनी
सड़क हादसे में जान गंवाने वाली महिला पुलिस अधिकारी जुनोमनी राभा, 'लेडी सिंघम' या 'दबंग कॉप' के नाम से मशहूर थी। वह मोरीकोलोंग पुलिस चौकी की प्रभारी थी और अपराधियों के खिलाफ कठोर कदम उठाती थी। जाखलाबांधा पुलिस थाने के प्रभारी पवन कालिता ने कहा, "देर रात करीब ढाई बजे हादसे की सूचना मिली जिसके बाद पुलिस गश्ती दल मौके पर पहुंचा और उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।" उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश से आ रहे कंटेनर ट्रक को पुलिस ने जब्त कर लिया है। दुर्घटना के बाद ट्रक चालक मौके से फरार हो गया।
निजी कार में बिना सुरक्षा क्यों गईं?
नागांव की पुलिस अधीक्षक लीना डोले ने सुबह मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। हालांकि, पुलिस को इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि महिला पुलिस अधिकारी अपनी निजी कार में बिना किसी सुरक्षा और सादी कपड़ों में अकेले ऊपरी असम की ओर क्यों जा रही थी। वहीं, उनके परिवार को भी इस यात्रा के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
जब मंगेतर को ही कर लिया था अरेस्ट...
पिछले साल जुनोमनी राभा ने खुद को बचाने के लिए उस शख्स को गिरफ्तार कर लिया था जिससे उसने शादी तय की थी। पुलिस की वर्दी पहनकर अपने मंगेतर के साथ मिलकर इस महिला पुलिस अधिकारी ने ठगी का ऐसा खेल रचा था कि जिसका खुलासा होने पर हर कोई हैरान रह गया था। असम पुलिस में इंस्पेक्टर जुनमणी राभा को नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। जानकारी के मुताबिक जुनमणी राभा अपने मंगेतर के साथ मिलकर सरकारी कंपनी ओएनजीसी में नौकरी लगवानों के नाम पर लोगों से लाखों रुपये ऐंठ चुकी थीं। शुरुआती तौर पर खुद को पाक-साफ दिखाने के लिए सब इंस्पेक्टर ने FIR दर्ज कर धोखाधड़ी के आरोप में अपने ही मंगेतर राणा पराग को गिरफ्तार कर लिया था।
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इसके बाद जून में राभा को भी उनके पूर्व प्रेमी के साथ कथित भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और माजुली जिले की एक कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था जिसके बाद उनकी सेवा निलंबित कर दी गई थी। बाद में उनका निलंबन खत्म कर दिया गया और वह पुलिस सेवा में फिर वापस आ गई थी।
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