A
Hindi News भारत राष्ट्रीय पेट्रोल-डीजल की कीमतें चुनाव की तारीखों से नियंत्रित होती हैं, वैश्विक दरों से नहीं: कांग्रेस

पेट्रोल-डीजल की कीमतें चुनाव की तारीखों से नियंत्रित होती हैं, वैश्विक दरों से नहीं: कांग्रेस

Congress: कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने सवाल किया कि उपभोक्ताओं को ईंधन की ऊंची कीमतों का खामियाजा क्यों उठाना पड़ रहा है, जब कच्चे तेल की कीमतें सात महीने के निचले स्तर पर हैं और मुद्रास्फीति पिछले सात महीनों में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के छह प्रतिशत की उच्चतम श्रेणी से ऊपर है।

Petrol Diesel Prices- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Petrol Diesel Prices

Congress: कांग्रेस ने रविवार को मध्यम और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए पेट्रोल और डीजल की दरों में कम से कम 15 रुपये प्रति लीटर और रसोई गैस की कीमतों में कम से कम 150 रुपये प्रति सिलेंडर की कमी करके तत्काल राहत देने की मांग की। दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने सवाल किया कि उपभोक्ताओं को ईंधन की ऊंची कीमतों का खामियाजा क्यों उठाना पड़ रहा है, जब कच्चे तेल की कीमतें सात महीने के निचले स्तर पर हैं और मुद्रास्फीति पिछले सात महीनों में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के छह प्रतिशत की उच्चतम श्रेणी से ऊपर है। 

उन्होंने सवाल किया, "जब कच्चे तेल की ऊंची कीमतों का बोझ हमेशा उपभोक्ताओं पर डाला जाता है, तो उपभोक्ताओं को राहत क्यों नहीं दी जा रही है।" वल्लभ ने कहा, "पेट्रोल और डीजल की कीमतें वैश्विक दरों से नहीं चुनाव की तारीखों से नियंत्रित होती हैं।" उन्होंने आरोप लगाया कि जब चुनाव नजदीक आते हैं, तो सरकार कीमतों को कम कर देती है या उन पर रोक लगा देती है, और जब वे खत्म हो जाते हैं तो वे कीमतें बढ़ा देते हैं। 

'रसोई गैस की घटती कीमतों पर राहत उपभोक्ताओं को नहीं देने के क्या बहाने हैं?'

कांग्रेस नेता ने सवाल किया, "नरेंद्र मोदी नीत सरकार की ओर से रसोई गैस की घटती कीमतों पर राहत उपभोक्ताओं को नहीं देने के क्या बहाने हैं? क्या मोदी नीत सरकार केवल उपभोक्ताओं पर बोझ डालने में विश्वास करती है।" उन्होंने कहा कि खुदरा महंगाई, सकल घरेलू उत्पाद (GDP) और रुपये में गिरावट कुछ ऐसे उदाहरण हैं, जो अर्थव्यवस्था के प्रबंधन की चिंताजनक तस्वीर पेश करते हैं। 

कांग्रेस नेता ने कहा, "मौजूदा बीजेपी नीत सरकार अपनी ही सरकार की ओर से जारी किए गए अधिक डेटा बिंदुओं के साथ नए निम्न स्तर कायम कर रही है। मध्यम और निम्न-आय वर्ग सरकार की उदासीनता और अक्षमता के कारण सबसे अधिक पीड़ित हैं।" वल्लभ ने कहा, "लगातार उच्च खुदरा महंगाई दर ऐसे क्षेत्रों में से एक है, जिसमें तत्काल सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता है।" उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ईंधन की कीमतों के प्रति सबसे अधिक लापरवाह रही है। 

Image Source : File PhotoCongress spokesperson Gourav Vallabh

'कच्चे तेल की कीमतें पिछले कुछ महीनों से लगातार नीचे की ओर जा रही हैं'

कांग्रेस नेता ने कहा, "चूंकि उनका सभी आर्थिक गतिविधियों पर व्यापक प्रभाव पड़ता है, इसलिए सरकार की निष्क्रियता उसकी अज्ञानता और ध्यान हटने को प्रदर्शित करती है।" वल्लभ ने कहा, "कच्चे तेल की कीमतें पिछले कुछ महीनों से लगातार नीचे की ओर जा रही हैं और सात महीने के निचले स्तर पर हैं। लेकिन हमारे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें विनियमित करने के बाद भी इस रूझान को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं, इसका मतलब है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें वैश्विक कीमतों के अनुसार बदलनी चाहिए।" 

कांग्रेस नेता ने पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी, भारत सरकार) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 8 सितंबर, 2022 तक कच्चे तेल की कीमत 'इंडियन बास्केट' 88 डॉलर प्रति बैरल थी, जो इस साल जून में 116 डॉलर थी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनाव के बाद 22 मार्च से 31 मार्च 2022 के बीच 10 दिन में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में नौ गुना वृद्धि हुई। 

Latest India News