Climate Change: बीती रात जम्मू-कश्मीर के नियाका, पंजग्रन और घींर मुगलन वन क्षेत्रों में आग लग गई। इसकी सूचना मिलते ही मौके पर दमकल की गाड़ियां और वन अधिकारी आग पर काबू पाने के लिए पहुंच गए। जम्मू-कश्मीर के इन वन क्षत्रों में आग लगने से लाखों रुपये की वन संपदा को नुकसान पुहंचा है। वहीं राजौरी जिले के झलास के जंगल में भी आग लग गई। वहीं कटरा के पास जंगलों में भी पिछले तीन दिनों से आग लगी है। लगातार आग लगने की घटना ने दमकल विभाग के पसीने छुड़ा दिए हैं।
पिछले महीने कहां-कहां लगी आग?
पिछले महीने उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान सहित कई राज्यों के जंगलों में आग लगने की घटना हुई। पिछले महीने आग की चपेट में उत्तराखंड का 198.9 हेक्टेयर वन क्षेत्र आ गया। वहीं राजस्थान के जिले अलवर में पहाड़ों पर कई घंटों तक आग लगी रही। आग इतनी भयावह थी कि आस-पास के कई गांवों पर खतरा मंडराने लगा। मध्य प्रदेश में भी आग लगने की सूचना मिली।
आग लगने की वजह क्या है?
दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन की वजह से जंगल में आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। काउंसिल ऑन एनर्जी एनवायरनमेंट एंड वाटर (CEEW)के रिपोर्ट मुताबिक भारत में पिछले दो दशकों में जंगल में आग लगने की घटनाएं बढ़ी हैं। करीब 62 फीसदी से अधिक भारत के राज्य जंगल की आग से प्रभावित हुए हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक जलवायु में तेजी से बदलाव के कारण आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र के जंगलों में आग लगने की घटनाएं हुई हैं।
लापरवाही के कारण भी जंगलों को हो रहा नुकसान
देश और दुनिया के जंगलों में आग लगने की सबसे बड़ी वजह जलवायु परिवर्त को बताया जा रहा है, लेकिन कई बार अफसरों की लापरवाही के कारण भी काफी नुकसना हो जाता है। अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में वन विभाग के अफसरों की लापरवाही के कारण हज़ारों पेड़ आग के चपेट में आ गए। मामला पीलीभीत टाइगर रिजर्व की दियोरिया रेंज का था। जहां वन चौकी के पास जंगल में कई किलोमीटर तक भयानक आग लगी रही। आग की तेज़ लपटों को देखकर भी रेंजर से लेकर DFO तक अधिकारी बंद कमरों में आराम फरमाते रहे।
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