नई दिल्ली : अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीन की एक बड़ी साजिश को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया है। चीन के सैनिक लाइन ऑफ कंट्रोल पर तारबंदी की योजना के साथ घातक हथियारों से लैस हो कर आए थे। 9 दिसंबर को भारत और चीन के सैनिकों के बीच 3-4 लोकेशन पर भिड़ंत हुई थी। चीन केसैनिक पेट्रोलिंग वाली गाड़ियों में सवार होकर आए थे। इतना ही वे अपने साथ तारबंदी के लिए साजो-सामान भी लेकर आए थे। चीनी सैनिकों के पास रेडियो सेट, शील्ड स्पाइक और इलेक्ट्रिक बैटन भी थे।
PLA की प्लानिंग को भारतीय सेना ने किया फेल
चीन के सैनिक अपने साथ मोटी गांठ वाली रस्सी, झटका देने वाली पिस्टल और कीलों वाला मोटा डंडा भी लेकर आए थे। इस इलाके में अपना दबदबा कायम करने के लिए चीनी सैनिकों की पूरी प्लानिंग को भारतीय सैनिकों ने फेल कर दिया।
फ्लैग मीटिंग के बाद हालात नियंत्रण में
दरअसल, चीनी सैनिक पेट्रोलिंग करते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा तक पहुंच गए और वहां अस्थाई ढांचा बनाना शुरू कर दिया। लेकिन भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को वहा से खदेड़ दिया। 11 दिसंबर को ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारियों की फ्लैग मीटिंग हुई। उसके बाद से हालात नियंत्रण में हैं। साल 2006 से अब तक करीब 15 से 16 बार चीन इस तरह की हरकतें कर चुका है। हर बार भारतीय सेना की मुस्तैदी के चलते उसे पीछे लौटना पड़ा है।
चीनी अधिकारियों का कहना है कि चीनी क्षेत्र में गश्त करने के लिए यह उनकी लाइन है और अधिकारी भी नए हैं, इसलिए उन्हें ठीक-ठीक पता नहीं है, लेकिन इलाके में उन्हें गश्त करनी पड़ती है। भारतीय सेना ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह हमारी भूमि है और आप न तो ढांचा बना सकते हैं और न ही गश्त कर सकते हैं।
भारतीय सैनिकों ने दिया करारा जवाब
बता दें कि भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी पर 9 दिसंबर को झड़प हुई, जिससे दोनों पक्षों के कुछ जवान मामूली रूप से घायल हो गये। भारतीय सैनिकों ने चीनी पीएलए सैनिकों का डटकर मुकाबला किया। भारतीय सैनिकों ने चीनी बंकर और बैरिकेडिंग तोड़ दी थी। इसके बाद 11 दिसंबर को करीब 300 चीनी सैनिकों ने फिर से हमला कर दिया।इस बार जमकर हाथापाई हुई और भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया।आखिरकार दिसंबर को कमांडर लेवल की फ्लैग मीटिंग हुई जिसके बाद हालात काबू में आए।
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