नई दिल्ली: चीन लगातार अपनी हरकतों से अपने पड़ोसी मुल्कों के लिए परेशानी खड़ी करता रहता है। इस बार फिर अरुणाचल प्रदेश में चीनी सेना ने घुसपैठ की कोशिश की, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। घुसपैठ के बीच बड़ी खबर यह है कि चीन अब जमीन से ही नहीं, बल्कि हवा से भी घुसपैठ की कोशिश कर रहा है। भारतीय सीमा के पास चीनी ड्रोन को उड़ान भरते हुए देखा गया। भारतीय वायसेना ने चीनी ड्रोन को करारा जवाब दिया और खदेड़कर उसे वापस चीन की सीमा में भगा दिया। चीन की हरकतों को देखते हुए वायुसेना ने निगरानी के लिए सुखोई-30 विमानों को तैनात कर दिया है।
इसके बाद चीन ने तवांग में घुसपैठ की नई प्लानिंग की और फिर 9 दिसंबर को भारतीय सीमा में अतिक्रमण की कोशिश की जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया। भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद चीन के सैनिक भाग खड़े हुए। चीन के सैनिक अपने साथ मोटी गांठ वाली रस्सी, झटका देने वाली पिस्टल और कीलों वाला मोटा डंडा भी लेकर आए थे।
भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया
चीनी सैनिक पेट्रोलिंग करते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा तक पहुंच गए और वहां अस्थाई ढांचा बनाना शुरू कर दिया। लेकिन भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को वहां से खदेड़ दिया। 11 दिसंबर को ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारियों की फ्लैग मीटिंग हुई। उसके बाद से हालात नियंत्रण में हैं। साल 2006 से अब तक करीब 15 से 16 बार चीन इस तरह की हरकतें कर चुका है। हर बार भारतीय सेना की मुस्तैदी के चलते उसे पीछे लौटना पड़ा है।
संसद में मंगलवार को तवांग मुद्दे पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 9 दिसंबर को तवांग के यांग्त्से क्षेत्र मेंचीनी सैनिकों की ओर से एलएसी पर अतिक्रमण कर यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की गई, लेकिन भारतीय सेना ने बहादुरी से रोका और उन्हें अपनी पोस्ट पर जाने के लिए मजबूर कर दिया। रक्षा मंत्री ने कहा इस दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच हाथापाई हुई और कुछ सैनिक मामूली रूप से घायल हुए।
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