कोटद्वार: उत्तराखंड के पौड़ी जिले के लैंसडाउन क्षेत्र में एक आदमखोर तेंदुए ने एक बालक को हमला कर मार डाला। अधिकारियों ने बताया कि घटना सोमवार शाम करीब 07:30 बजे रिखणीखाल ब्लॉक के कोटा गांव में हुई। उन्होंने बताया कि गांव में रक्षाबंधन के मौके पर अपनी मां के साथ ननिहाल आए 6 साल के आदित्य को घर के आंगन से तेंदुआ उठा कर ले गया। अधिकारियों ने बताया कि घटना के समय आदित्य खेल रहा था और उसकी मां और नानी भी आंगन में ही मौजूद थीं। उन्होंने बताया कि आदित्य को तेंदुए को अपने जबड़े में दबाकर ले जाते देख उन्होंने शोर मचाया लेकिन वह जंगल की ओर भाग गया।
‘स्थाई समाधान खोजने की कोशिश की जाएगी’
अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, आदित्य उनेरी गांव का रहने वाला था। उन्होंने बताया कि काफी खोजबीन के बाद आधी रात को करीब डेढ़ बजे कोटा गांव से करीब एक किलोमीटर दूर जंगल की झाड़ियों में आदित्य का शव बरामद हुआ। उन्होंने बताया कि मंगलवार को कोटद्वार में पोस्टमॉर्टम करने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। लैंसडाउन के विधायक दिलीप रावत ने घटना पर दुख जताया और कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन का एक मुख्य कारण तेंदुए और बाघ का आतंक भी है। उन्होंने कहा कि गैरसैंण में बुधवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में वह इस मुद्दे को उठाएंगे और इसका स्थाई समाधान खोजने का प्रयास किया जाएगा।
‘क्षेत्र में हमेशा तेंदुए का आतंक बना रहता है’
उनेरी गांव के पूर्व प्रधान मानेंद्र सिंह ने बताया कि क्षेत्र में हमेशा तेंदुए का आतंक बना रहता है। उन्होंने बताया कि आए दिन सड़क पर स्कूटर और मोटरसाइकिल सवारों पर तेंदुए और बाघ झपट्टे मारते रहते हैं। गढ़वाल वन प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि तेंदुए की गतिविधियों को देखते हुए क्षेत्र में 8 कैमरे लगाए गए हैं और इसके साथ ही 4 पिंजरे लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए 15 लोगों की टीम तैनात की गई है। प्रभागीय वन अधिकारी ने बताया कि मृतक बच्चे के परिजनों को तत्काल राहत राशि का 30 फीसदी यानि 1.8 लाख रुपये का चेक दे दिया गया है।
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