उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने कोलकाता में एक डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में सोमवार को दलील पेश किये जाने दौरान एक वकील के ऊंची आवाज में बोलने को लेकर उन्हें फटकार लगाते हुए कहा ‘‘क्या आप अदालत (कक्ष) के बाहर गैलरी से अपनी बात कहना चाह रहे हैं।’’ प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने शीर्ष अदालत को संबोधित करने के वकील कौस्तव बागची के तरीके पर आपत्ति जताई। प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने उनसे सख्ती से कहा, ‘‘मैं पिछले दो घंटों से आपके व्यवहार को देख रहा हूं। आप ऊंची आवाज में मत बोलिए, अपनी आवाज नीचा करें।"
न्यायाधीश ने वकील को लगाई फटकार
न्यायाधीश ने कहा, "आप उच्चतम न्यायालय के तीन न्यायाधीशों को संबोधित कर रहे हैं न कि यूट्यूब पर कार्यवाही का सीधा प्रसारण देखे रहे दर्शकों को।’’ पीठ पश्चिम बंगाल सरकार से कह रही थी कि अगर प्रदर्शनकारी चिकित्सक मंगलवार शाम पांच बजे तक अपनी ड्यूटी पर लौट आएं तो वह उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई न करे, तभी बागची ने हस्तक्षेप किया, जिसके बाद न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यह कड़ी टिप्पणी की। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने शीर्ष अदालत को आश्वस्त किया कि दंडात्मक तबादलों सहित कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी। पीठ और सिब्बल जब विषय पर एक दूसरे के विचारों को सुन रहे थे तभी बागची ने हस्तक्षेप किया था।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के खिलाफ जूनियर डॉक्टर
बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या मामले में विरोध प्रदर्शन अब भी जारी है। इसे लेकर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों को मंगलवार की शाम पांच बजे तक काम पर लौटने का निर्देश दिया था। लेकिन जूनियर डॉक्टरों में साफ कर दिया कि वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं मानेंगे और कोर्ट के निर्देश के बावजूद काम पर नहीं लौंटेंगे। दरअसल विरोध कर रहे जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि अभी तक पीड़िता को न्याय नहीं मिला है।
(इनपुट-भाषा)
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