Chhattisgarh: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य विभाग और सुकमा के जिलाधिकारी को नोटिस जारी किया है।आपको बता दें यह नोटिस उस खबर के बाद भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि आदिवासी जोड़ा एम्बुलेंस न मिलने के कारण कांकेरलंका स्वास्थ्य केंद्र में आधी रात तक फंसा रहा। आदिवासी जोड़े को एम्बुलेंस ने मिलने के कारण प्रसव के बाद इस दंपति के बच्चे की मौत हो गई थी।
अधिकारी 4 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करें
शुक्रवार को जारी एक बयान के अनुसार, आयोग ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि मीडिया में आई खबर यदि सही है तो घटना मानवाधिकारों का उल्लंघन है और अधिकारी चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। आयोग ने छत्तीसगढ़ के प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग तथा सुकमा के जिलाधिकारी को मीडिया में आई खबर का खुद संज्ञान लेने के बाद नोटिस जारी किया है। खबर में कहा गया था कि घर तक पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस न मिलने की वजह से आदिवासी दंपति कांकेरलंका में एक उप-स्वास्थ्य केंद्र में आधी रात तक फंसा रहा।
एम्बुलेंस चालक ने दंपति को वापस कांकेरलंका उप-स्वास्थ्य केंद्र में छोड़ा
NHRC के बयान में कहा गया कि 22 जून को छपी खबर के अनुसार, कांकेरलंका स्वास्थ्य केंद्र में बच्चा पैदा होने के बाद महिला को 20 जून को सुकमा जिला अस्पताल में रेफर कर दिया गया था। इसके बाद जब दंपति को एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया जा रहा था तो उनके बच्चे की रास्ते में ही मौत हो गई। इसमें कहा गया है इसके बाद एम्बुलेंस चालक ने दंपति को वापस कांकेरलंका उप-स्वास्थ्य केंद्र में छोड़ दिया। दंपति को बताया गया था कि दूसरी एम्बुलेंस उन्हें उनके गांव वापस ले जाएगी, लेकिन उन्हें कोई वाहन मुहैया नहीं कराया गया। NHRC ने कहा कि कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कथित तौर पर मामले का संज्ञान लिया है और जिलाधिकारी ने जांच का वादा किया है।
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