Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का सियासी दंगल थमने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार में नंबर दो की पोजीशन पर माने जाने वाले स्वास्थ्य और पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा देने के 24 घंटे बाद भी कांग्रेस आलाकमान और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की टीएस सिंहदेव से बात नहीं हो पाई है। हालांकि, मीडिया से बातचीत में टी एस सिंह देव के इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा, मुझे मीडिया के माध्यम से पता चला है, पत्र नहीं मिला है, पत्र मिलेगा तो परीक्षण कराऊंगा विचार करूंगा। मैंने चर्चा के लिए फोन लगाया था लेकिन फोन लगा नहीं।
वहीं कांग्रेस की आपसी खींचतान ने भाजपा को भी कांग्रेस पर हमला बोलने का मौका दे दिया है। बीजेपी सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे और छत्तीसगढ़ बीजेपी के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल सामने आए और कहा टी एस सिंहदेव का इस्तीफा देना भूपेश बघेल सरकार की असफलता बताता है। अब तक बीजेपी जो आरोप लगाती थी, वही आरोप अब टी एस सिंहदेव लगा रहे हैं। टी एस सिंहदेव ने भूपेश बघेल सरकार पर साफ तौर पर आरोप लगाए हैं की सरकार गरीबों का घर छीनने समेत मनरेगा से लोगों को जो राहत मिलनी चाहिए, वह देने में नाकाम रही है। वहीं आदिवासियों के लिए जरूरी पैसा अधिनियम लाने में भी सरकार नाकाम रही है। सिंहदेव के इतने गंभीर आरोपों के बाद अब भूपेश बघेल को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
टीएस सिंहदेव ने लगाए गंभीर आरोप
दरअसल, शनिवार को दिए अपने चार पन्ने के इस्तीफे में टी एस सिंह देव ने अप्रत्यक्ष रूप से भूपेश बघेल पर गंभीर आरोप लगाए थे। पत्र में उन्होंने लिखा था प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मुख्यमंत्री से कई बार राशि आवंटन के लिए चर्चा हुई, लेकिन आवास बनाने के लिए राशि उपलब्ध नहीं हुई जिसके चलते प्रदेश के लगभग 8 लाख लोगों के लिए आवास नहीं बनाए जा सके। कई बार मैंने समय-समय पर लिखित रूप से कुछ विषयों पर आपत्ति दर्ज कराई, लेकिन व्यवस्था को सुधारा नहीं जा सका। वहीं जन घोषणा पत्र में आदिवासियों के अधिकारों के संरक्षण के लिए हमने अधिनियम बनाने का वादा किया था, काफी मेहनत से नियम भी बनाए गए थे विभाग ने जो प्रारूप कैबिनेट कमेटी को भेजा था उस पर जल जंगल जमीन से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं को बदलकर कैबिनेट की प्रेसिका में पहली बार बदल दिया। मुझे विश्वास में नहीं लिया गया।
भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच लंबे समय से आ रही खींचतान सामने आई
रोजगार सहायकों की पुनर्स्थापना के विषय में भी उन्होंने लिखा, मेरे बगैर अनुमोदन के इनकी पुनर्स्थापना की गई जो मुझे स्वीकार नहीं। इसलिए मैं पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा दे रहा हूं। सिंहदेव के चार पन्ने के इस इस्तीफे और उसकी भाषा के साथ-साथ आरोपों ने संगठन और सरकार में हलचल दी है। वहीं भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच लंबे समय से आ रही खींचतान भी अब सामने आ गई है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में टीएस सिंहदेव का कद भूपेश बघेल के समकक्ष माना जाता है। सिंहदेव के समर्थक मानते हैं कि आलाकमान ने सिंहदेव को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद का वादा किया था। इसी जद्दोजहद में सिंधिया और भूपेश बघेल ने दिल्ली दरबार के कई चक्कर लगाए, लेकिन भूपेश बघेल को आलाकमान की हरी झंडी मिलने के बाद से ही दोनों के बीच की दूरी साफ नजर आ रही थी।
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