Chhattisgarh News: केंद्र ने छत्तीसगढ़ सरकार को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के ‘‘खराब’’ कार्यान्वयन को लेकर पत्र लिखा है। इसमें राज्य सरकार द्वारा अपने हिस्से की धनराशि को नहीं जारी करने समेत कई मुद्दों को उठाया गया है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि छत्तीसगढ़ एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पिछले तीन से चार वर्षों में PMAY-ग्रामीण योजना ‘‘लगातार समस्याओं’’ का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि चूंकि यह एक समयबद्ध योजना है और गरीबी उन्मूलन के राष्ट्रीय अभियान का हिस्सा है और इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता है, यदि सभी राज्य इस तरह के कार्यक्रमों को एक साथ लागू नहीं करते हैं। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘पत्र में उल्लेख किया गया है कि छत्तीसगढ़ सरकार अपनी मर्जी से यह तय नहीं कर सकती कि वह ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के कल्याण के लिए कुछ ग्रामीण विकास योजनाओं को लागू नहीं करेगी।’’
562 करोड़ रुपए अपनी हिस्सेदारी जारी नहीं की छत्तीसगढ़ सरकार
PMAY-G के लिए नोडल एजेंसी ग्रामीण विकास मंत्रालय, ने पिछले साल जून, सितंबर और नवंबर में राज्य सरकार को राज्य द्वारा अपने हिस्से की धनराशि को जारी करने में विलंब करने को लेकर पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 7,81,999 मकान बनाने का लक्ष्य रखा था। उन्होंने कहा कि हालांकि, इस लक्ष्य को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि राज्य ने 562 करोड़ रुपए की अपनी हिस्सेदारी जारी नहीं की थी। PMAY-शहरी के लिए नोडल एजेंसी शहरी विकास मंत्रालय ने भी राज्य सरकार को पत्र लिखकर अपना हिस्सा तुरंत जारी करने का आग्रह किया है क्योंकि केंद्र इसके बाद ही अपना हिस्सा जमा कर सकता है।
199.39 करोड़ रुपए अभी जारी करेगी छत्तीसगढ़ सरकार
राज्य ने अपने हिस्से के 1,509.61 करोड़ रुपये में से 1,309.22 करोड़ रुपये जारी किए हैं और 199.39 करोड़ रुपये अभी जारी किए जाने बाकी हैं। अधिकारियों ने कहा कि राज्य से धन की अनुपलब्धता से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लाभार्थियों को आगे की किस्त जारी करना बंद हो जाएगा और ऐसे घरों का निर्माण बंद हो जाएगा। इसने राज्य से सभी निर्मित मकानों का आवंटन तुरंत सुनिश्चित करने का आग्रह किया है ताकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) लाभार्थी इस योजना का लाभ उठा सकें।
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