Cheetah: नामीबिया से आठ चीते भारत ने आ चुके हैं। इन 8 चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ेंगे। कूनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश में स्थित है। जो कि 748 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इसी राष्ट्रीय उद्यान में यह चीते रहेंगे। लेकिन देश में सैकड़ों जंगल और राष्ट्रीय उद्यान होने के बावजूद भी इन चीतों को यहीं क्यों रखा जा रहा है? जानिए इस लेख में-
नामीबिया से लाए जा रहे 8 चीतों को यहां रखे जाने का सबसे पहला कारण तो इनके लिए यहां का मौसम अनुकूल होना है। कूनो का मौसम और वातावरण काफी हद तक नामीबिया के जंगलों जैसा ही बताया जा रहा है। इसके अलावा इन चीतों को यहां रखने का दूसरा बड़ा कारण यह है कि इसके आसपास कोई बस्ती नहीं है। यह वन क्षेत्र छत्तीसगढ़ के कोरिया के साल जंगलों के बहुत करीब है। इन्हीं जंगलों में लगभग 70 साल पहले एशियाई मूल के चीते अंतिम बार दिखे थे।
सालों पहले पार्क से 24 गांवों को बाहर निकाल दिया गया था
चीतों के लिए वैसे तो मनुष्यों के साथ संघर्ष की संभावना कम होती है, वे मनुष्यों का शिकार नहीं करते हैं। वे बड़े पशुओं पर भी हमला नहीं करते हैं। उच्च जनसंख्या घनत्व और खुले घास के मैदान भारत में जानवरों के लिए खतरा पैदा करते हैं। कूनो शायद देश के कुछ वन्यजीव स्थलों में से एक है, जहां सालों पहले पार्क के अंदर से लगभग 24 गांवों और उनके पालतू पशुओं को पूरी तरह से बाहर निकाल दिया गया था।
सर्वेक्षण में सबसे उत्तम स्थान साबित हुआ था कूनो
इसके अलावा वर्ष 2010 और 2012 के बीच मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश में दस जगहों का सर्वेक्षण किया गया था। बाद में यह पाया गया कि कूनो चीतों को रखने के लिए सबसे उपयुक्त जगह है। भारतीय वन्यजीव संस्थान और भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट (डब्ल्यूटीआई) ने जलवायु और आबादी सहित अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह सर्वे किया और कूनो को सबसे उपयुक्त जगह करार दिया।
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