चारधाम की यात्रा पर अभी जाना ठीक है या नहीं? श्रद्धालुओं को रखना होगा इन बातों का ध्यान
चारधाम की यात्रा फिलहाल करनी चाहिए या नहीं। चारधाम की यात्रा पर पहुंची भीड़ प्रशासन के लिए मुश्किल का कारण बन चुकी है। व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। 11 लोगों की अबतक मौत हो चुकी है। ऐसे में श्रद्धालुओं की जिम्मेदारी क्या है। उन्हें क्या करना चाहिए यात्रा पर जानें से पहले। चलिए बताते हैं।
चारधाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। 10 मई को केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खोले गए थे। वहीं 12 मई को बदरीनाथ के कपाट खोले गए। चारधाम यात्रा की शुरुआत से ही भारी संख्या में लोग तीर्थयात्रा पर निकल रहे हैं। 6 महीने से चारधाम यात्रा के शुरू होने की राह देख रहे श्रद्धालु अपना पंजीकरण करा कर यात्रा पर पहुंचने लगे हैं। अबतक चारधाम की यात्रा के लिए 26 लाख से अधिक तीर्थ यात्री पंजीकरण करा चुके हैं। ऐसे में भारी संख्या में यात्री चारधाम पहुंच रहे हैं। ऐसे में अव्यवस्थाएं भी सामने आने लगी है। तीर्थ यात्रा के दौरान एक तरफ जहां लोगों को घंटों तक लंबे जाम में फंसना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ परेशान तीर्थ यात्री गंगोत्री-यमुनोत्री हाइवे पर नारेबाजी कर रहे हैं और प्रशासन से हो रही दिक्कतों पर जवाब मांग रहे हैं।
बता दें कि क्षमता से अधिक भीड़ के चारधाम यात्रा पर पहुंचने के कारण राज्य में चारधाम यात्रा की व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। ऐसी स्थिति इसलिए बनी क्योंकि काफी संख्या में यात्री बिना रजिस्ट्रेशन कराए भी पहुंच गए। बता दें कि अबतक 2 लाख 76 हजार 416 यात्री चारधाम के दर्शन कर चुके हैं। बुधवार को आई जानकारी के मुताबिक चारधाम यात्रा के दौरान अबतक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 4 को डायबिटीज के साथ-साथ ब्लड प्रेशर की भी शिकायत थी। हालांकि यमुनोत्री हो या गंगोत्री, केदारनाथ का मार्ग हो या बदरीनाथ का मार्ग, सभी रास्तों पर लोगों को घंटों तक जाम में फंसना पड़ रहा है।
क्या चारधाम यात्रा पर अभी जाना ठीक
अगर समझदारी की बात करें तो जैसी स्थिति वर्तमान में चारधाम की यात्रा के दौरान देखने को मिल रही है। उस लिहाज से किसी भी यात्री या श्रद्धालुओं को फिलहाल के लिए अपनी चारधाम की यात्रा को टाल देनी चाहिए। कुछ समय बाद फिर से अपनी यात्रा को प्लान करना चाहिए और सुनियोजित तरीके से यात्रा करना चाहिए। खासकर चारधाम पर यात्रा पर जाने से पहले जो लोग किसी भी बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि खड़ी पहाड़ की चढ़ाई, तापमान ये सब इंसान के शरीर को प्रभावित करने के लिए काफी हैं। ऐसे में समझदारी इसी में है कि वर्तमान में अपनी चारधाम की यात्रा को टाल दें और यात्रा से पहले डॉक्टर से सलाह मशवरा जरूर कर लें।
चारधाम की यात्रा करने वाले इन बातों का रखें ध्यान
- अव्यवस्था का कारण लोगों का चारधाम यात्रा पर बगैर रजिस्ट्रेशन या दी गई तारीख से पहले पहुंचना भी बताया जा रहा है। ऐसे में ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर आप चारधाम की यात्रा पर जाने की सोच रहे हैं तो बिना रजिस्ट्रेशन के बिल्कुल न जाएं। साथ ही रजिस्ट्रेशन हो जाने के बावजूद भी अपनी यात्रा संबंधित जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों से लेते रहें, ताकि आपको व्यवस्था-अव्यवस्था और सही हालात की जानकारी मिलती रहे।
- चारधाम की यात्रा करने अगर आप जा रहे हैं तो प्रयास करें कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें। क्योंकि जाम की असल वजह निजी वाहन बन चुके हैं। क्योंकि अधिक संख्या में निजी वाहनों से लोग चारधाम की यात्रा पर पहुंच रहे हैं। पहाड़ों पर रास्ते संकरे होते हैं। ऐसे में जाम जैसी स्थिति ने लोगों को परेशान कर रखा है। बहुत जरूरी हो तभी निजी वाहन से चारधाम की यात्रा करना उचित है।
- अगर आप चारधाम की यात्रा पर जा रहे हैं तो जल्दीबाजी में कहीं पहुंचने या कहीं से निकलने की कोशिश न करें। आराम से अपनी यात्रा को संपन्न करें। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क में रहें और वर्तमान स्थिति का जायजा लेते रहें। ताकि आपको पता चल सके कि आप अगले पड़ाव पर जहां जाने की योजना बना रहे हैं वहां के हालात क्या हैं।
- चारधाम की यात्रा पर अगर आप जा रहे हैं तो ध्यान रहे कि चारधाम कोई पिकनिक स्पॉट नहीं है। सनातन धर्म के सबसे पवित्र धार्मिक स्थानों में से एक है। ऐसे में स्थान की पवित्रता बनाए रखें और जगह-जगह रील्स बनाने से बचें और प्रयास करें कि अपने साथ ज्यादा सामान लेकर न चलें। साथ ही ध्यान देने वाली बात यह भी है कि हुडदंग करने से बचें।
- चारधाम की यात्रा पर जाने वाले ध्यान दें कि आपकी सुरक्षा के लिए तैनात अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की बातों पर गौर करें और उनका अनुपालन करें। बीते दिनों यमुनोत्री पहुंची भीड़ को देखते हुए प्रशासन की तरफ से लोगों से अपील की गई थी कि अपनी यात्रा को उस दिन के लिए रोक दें, इसके बावजूद लोग पहुंचे, जिसका परिणाम हुआ कि सरकारी तंत्र फेल हो गया और व्यवस्थाएं चरमरा गईं।