देहरादून: चार धाम की यात्रा पर जा रहे 50 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यात्रा के मार्ग पर श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य कारणों से हो रही मौतों से चिंतित उत्तराखंड सरकार ने 50 वर्ष से अधिक आयु के यात्रियों की स्वास्थ्य जांच को अनिवार्य कर दिया है। बता दें कि 10 मई को चार धाम यात्रा की शुरूआत होने के बाद से अब तक 20 से ज्यादा यात्रियों की स्वास्थ्य संबंधी कारणों से मौत हो चुकी है।
‘ऐप पर अपलोड करना होगा मेडिकल डाटा’
उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने देहरादून में बताया कि चार धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य विभाग द्वारा जगह-जगह पर स्वास्थ्य जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से 50 वर्ष से अधिक आयु के यात्रियों की स्वास्थ्य जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी। रतूड़ी ने बताया कि श्रद्धालुओं को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने हेतु स्वास्थ्य विभाग, ‘विश फाउंडेशन’ तथा हंस फाउंडेशन ने 'ई-स्वास्थ्य धाम' ऐप की शुरूआत की है जिन पर उन्हें अपना स्वास्थ्य डाटा अपलोड करना है।
‘बिल्कुल सही मेडिकल हिस्ट्री से होगी आसानी’
रतूड़ी ने स्वास्थ्य एवं पर्यटन विभाग के अधिकारियों को चार धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन के दौरान अपनी ‘मेडिकल हिस्ट्री’ (स्वास्थ्य पृष्ठभूमि) की जानकारी देने के लिए जागरूक करने को भी कहा है। उन्होंने कहा कि यदि श्रद्धालुओं द्वारा अपनी बिल्कुल सही ‘मेडिकल हिस्ट्री’ उपलब्ध करवाई जाती है तो इससे प्रशासन को किसी भी आपातस्थिति में उन्हें चिकित्सा सहायता पहुंचाने में आसानी होगी। उनका कहना था कि इसके अलावा, चिकित्सा संसाधनों के बेहतरीन प्रबन्धन में भी चिकित्सा विभाग को आसानी होगी।
सरकार ने 14 भाषाओं में जारी किया स्वास्थ्य परामर्श
रतूड़ी ने कहा कि प्रशासन श्रद्धालुओं को सुरक्षित एवं सुगम चार धाम यात्रा करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, चार धाम यात्रा मार्ग पर अब तक 20 से अधिक श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के चलते मौत हो चुकी है। चारों धामों के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित होने के मददेनजर राज्य सरकार ने हिंदी और अंग्रेजी सहित 14 भाषाओं में स्वास्थ्य परामर्श जारी करते हुए श्रद्धालुओं से उसका पालन करने का अनुरोध किया है।
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