चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर से बाहर आया प्रज्ञान रोवर, 14 दिन तक 500 मीटर के दायरे में करेगा चांद की सतह की स्टडी
प्रज्ञान रोवर के पहिए चांद की मिट्टी पर भारत के राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ और इसरो के लोगो की छाप छोड़ रहे हैं। प्रज्ञान रोवर में दो पेलोड्स हैं जिनमें पहला लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप। यह चांद की सतह पर मौजूद केमिकल्स की मात्रा और गुणवत्ता की स्टडी करेगा।
चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के बाद अब चंद्रयान-3 मिशन अपने अगले फेज के काम पर लग गया है। सॉफ्ट लैंडिंग के बाद लैंडर प्रोपल्शन मॉड्यूल के जरिए इसरो के डाटा सेंटर से जुड़ गया है। लैंडिंग के बाद लैंडर ने चंद्रमा की पहली तस्वीर भी भेज दी है। वहीं, प्रज्ञान रोवर लैंडर विक्रम से बाहर आकर चंद्रमा की जमीन पर पहुंच गया है। अब 14 दिनों तक लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर अलग-अलग लेवल पर रिसर्च करेंगे जो भविष्य में चंद्रमा पर जीवन की खोज में मददगार होंगे।
चांद पर राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ और ISRO के लोगो की छाप
प्रज्ञान के पहिए चांद की मिट्टी पर भारत के राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ और इसरो के लोगो की छाप छोड़ रहे हैं। प्रज्ञान रोवर में दो पेलोड्स हैं जिनमें पहला लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप। यह चांद की सतह पर मौजूद केमिकल्स की मात्रा और गुणवत्ता की स्टडी करेगा। साथ ही खनिजों की खोज भी करेगा। वहीं, दूसरा अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर हैं। यह एलिमेंट कंपोजिशन की स्टडी करेगा। मैग्नीशियम, अल्यूमिनियम, सिलिकन, पोटैशियम, कैल्सियम, टिन और लोहा इनकी खोज लैंडिंग साइट के आसपास चांद की सतह पर करेगा।
बेहद अहम हैं अगले 14 दिन
फिलहाल आधा किमी. यानी 500 मीटर के एरिया में प्रज्ञान रोवर रिसर्च करेगा। वहीं इस दौरान लैंडर विक्रम में लगे चार पेलोड्स भी चांद पर रिसर्च करेंगे।
- पहले पेलोड का नाम रंभा है। ये चांद की सतह पर सूरज से आने वाले प्लाज्मा कणों के घनत्व और उनमें होने वाले बदलाव की जांच करेगा।
- विक्रम लैंडर पर लगे दूसरे पेलोड चास्टे का काम चांद की सतह पर तापमान की जांच करना है।
- जबकि तीसरा पेलोड इल्सा लैंडिंग साइट के आसपास भूकंपीय गतिविधियों की जांच करेगा।
- चौथा पेलोड रेट्रोरिफ्लिेक्टर एरे यानी LRA चांद के डायनेमिक्स को समझने की कोशिश करेगा।
कैसा दिखता है चांद? पहली तस्वीर आई
प्रज्ञान रोवर और लैंडर विक्रम अगले 14 दिनों तक चंद्रमा पर रिसर्च करेगा यानी आने वाले 14 दिन बेहद अहम हैं क्योंकि लैंडर और रोवर की रिसर्च ही चांद पर भविष्य तय करेगी। चांद की सतह पर पहुंचते ही लैंडर ने काम करना शुरू भी कर दिया है। लैंडर विक्रम ने लैंडिंग के वक्त चंद्रमा की सतह की फोटो भेजी है। लैंडिंग के बाद लैंडर विक्रम ने पहली फोटो भेजी। ये फोटो लैंडिंग इमेजर कैमरे से ली गई इसमें चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट का एक हिस्सा दिख रहा है। लैंडर का एक पैर और उसके साथ की परछाई भी दिखाई दे रही है। तस्वीर में साफ-साफ देखा जा सकता है कि चंद्रयान-3 जिस जगह पर लैंड हुआ है वो जगह समतल है। अब सभी को इंतज़ार है उस पल का जब प्रज्ञान रोवर चांद की धरती पर इंसानी जिंदगी के भविष्य की पुख्ता जानकारी देगा।
PM मोदी ने जोहान्सबर्ग में तिरंगा लहराकर दी टीम को बधाई
चंद्रयान-3 की लैंडिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद साउथ अफ्रीका से जुड़े थे। इसरो की इस कामयाबी के लिए प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों को बधाई दी। वहीं, चंद्रयान-3 की कामयाबी पर पूरे देश में जश्न है। लोग इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दे रहे हैं क्योंकि इसरो ने जो कर दिखाया है वो आज तक दुनिया की कोई स्पेस एजेंसी नहीं कर पाई है। चंद्रयान-3 की सफलता पर पूरा देश खुश है।
चंद्रयान की कामयाबी हर हिन्दुस्तानी के लिए खास है। दिल्ली में राष्ट्रीय राइफल्स के हेडक्वार्टर में सैकडों जवानों ने चंद्रयान की लैंडिंग को लाइव देखा। जवानों ने इसरो की इस कामयाबी पर वैज्ञानिकों का जमकर हौसला बढ़ाया। वहीं, आयरलैंड में टी-20 सीरीज खेलने गई टीम इंडिया की नजरे में भारत के इस मिशन की कामयाबी पर गड़ी रहीं। प्रैक्टिस के लिए उतरी पूरी भारतीय क्रिकेट टीम ने प्रैक्टिस से ब्रेक लेकर विक्रम लैंडर की लैंडिंग को लाइव देखा। मिशन चंद्रयान की कामयाबी का टीम इंडिया ने तालियां बजाकर स्वागत किया।
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