chandigarh's colony number 4 demolished: रविवार की सुबह चंडीगढ़ की कॉलोनी नंबर 4 पर प्रशासन ने अपना भारी भरकम बुलडोजर चला दिया। इस दौरान काफी संख्या में पुलिस और आर्मी के जवान तैनात रहे। यह कॉलोनी 40 साल पुरानी थी, प्रशासन को डर था कि लोग कार्रवाई का विरोध करेंगे, इसलिए कड़े इंतजाम किए गए थे। अधिकारियों के मुताबिक यहां रहने वाले लोगों को शनिवार तक कॉलोनी खाली करने का आदेश दिया गया था। समय-सीमा समाप्त होने के बाद अवैध निर्माण को गिरा दिया गया। कॉलोनी में करीब 2000 परिवारों में से सिर्फ 290 परिवार को ही चंडीगढ़ एस्टेट ऑफिस ने बॉयोमैट्रिक सर्वे के आधार पर मकान की पेशकश की है। आज रात 12 बजे तक इलाके में धारा 144 लगी हुई है।
दमखम के साथ पहुंचा प्रशासन
इस दौरान चंडीगढ़ की कॉलोनी नंबर 4 से बेघर हुए लोगों में से, किसी के आंखों से आंसू बह रहे थे, तो कोई उदास और परेशान दिख रहा था। बेघर हुए लोगों के पास शिकायतें तो बहुत थीं, पर उनकी सुनने वाला कोई नहीं था। क्योंकि उन्हें बेघर करने वाला कोई और नहीं बल्कि खुद प्रशासन का बुलडोजर था। चंडीगढ़ प्रशासन के बुलडोजरों ने यहां बने कच्चे मकानों को ध्वस्त कर दिया । मौके पर भारी पुलिस बल और पैरा मिलिट्री फोर्स मौजूद थे। इतने दमखम के साथ पहुंची प्रशासन की टीम के सामने लोग बेबस नजर आए।
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290 फ्लैट अलॉट किए गए
यह कॉलोनी करीब 80 एकड़ में फैली हुई थी। करीब 40 साल पहले इस कॉलोनी को बसाया गया था। कॉलोनी में रह रहे कुछ लोगों ने दावा किया था कि उनका बॉयोमैट्री सर्वे हो रखा था, इसके बाद भी उन्हें घर नहीं मिला। वहीं एस्टेट ऑफिस द्वारा करवाए गए बॉयोमैट्रिक सर्वे के आधार पर 658 लोगों की सूची चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड को सौंपी गई थी। इसके तहत मलोया हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंह स्कीम के तहत फ्लैट की अस्थाई अलॉटमेंट दी गई। कुल 299 कॉलोनी निवासी रजिस्ट्रेशन के लिए आए, ड्रॉ के बाद 290 फ्लैट अलॉट किए गए।
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