Chandigarh News: कोरोना के खिलाफ पूरा देश युद्ध लड़ रहा है। हर कोई अपनी तरफ से योगदान दे रहा है। जब देश में कोरोना के मामले पीक पर थे तब लोगों ने अपने स्तर पर तरह-तरह से मदद की थी। छोटे सा छोटा योगदान भी एक बड़ी मदद साबित हो रहा था। वैक्सीन आई, लोगों के मन में भ्रान्ति थी। लोगों ने खुद से ही इसकी जागरूकता के लिए अभियान चलाये। वैक्सीन लगवाने वलोन को कई होटलों और रेस्टोरेंट में फ्री खाने या छुट का भी ऑफर चला। अब इसी तरह का चंडीगढ़ में भी एक ऑफर चल रहा है।
टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से खिला रहे फ्री
चंडीगढ़ के एक दुकानदार ने कोविड-19 के तीसरे डोज लेने वाले व्यक्तियों को छोले भटूरे मुफ्त देने की पेशकश की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस विक्रेता की पिछले साल मन की बात में तारीफ़ की थी। गौरतलब है कि सरकार के द्वारा फ्री में लगाए जाने के बाद भी कम लोग ही तीसरी डोज लगवा रहे हैं। इससे चिंतित 45 वर्षीय संजय राणा ने लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से मुफ्त छोले भटूरे की पेशकश की है। इससे पहले भी संजय ने उन लोगों को मुफ्त में छोले-भटूरे खिलाए थे, जो पहली खुराक लेने गए और उसी दिन इसका प्रमाण प्रस्तुत किया। जिसके बाद प्रधानमंत्री ने मन की बात रेडियो कार्यक्रम में उनकी प्रशंसा की थी।
पीएम मोदी कर चुके तारीफ
पीएम मोदी ने कहा था, ''संजय राणा के 'छोले भटूरे' का स्वाद मुफ्त में चखने के लिए आपको यह दिखाना होगा कि आपने उसी दिन टीका लगवाया है। जैसे ही आप उन्हें टीकाकरण संबंधी संदेश दिखाएंगे, वह आपको स्वादिष्ट 'छोले भटूरे' देंगे।'' उनके इस प्रयास की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था, ''कहा जाता है कि समाज की भलाई के लिए काम करने के लिए सेवा और कर्तव्य की भावना की जरूरत होती है। हमारे भाई संजय इसे सही साबित कर रहे हैं।''
साइकिल पर बेंचते हैं छोले-भटूरे
राणा एक स्टॉल लगाकर साइकिल पर 'छोले भटूरे' बेचते हैं। उनका कहना है कि वह पिछले 15 साल से यह स्टॉल चला रहे हैं। तीसरी खुराक की धीमी गति से चिंतित राणा ने कहा, ''मैं उन लोगों को छोले भटूरे मुफ्त दे रहा हूं जो तीसरी डोज लेने के दिन ही इसका सबूत दिखाएंगे।'' राणा ने कहा, ''सभी पात्र लोग आगे आएं और संकोच न करें। पहले से ही हम देश के कई हिस्सों में संक्रमण में मामूली वृद्धि देख रहे हैं। हमें स्थिति के काबू से बाहर होने तक इंतजार क्यों करना चाहिए? अप्रैल-मई 2021 में जिस तरह की स्थिति बनी, हमें उससे सबक सीखना चाहिए।''
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