Chabahar Port: पोर्ट, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रविवार को कहा कि ईरान में स्थित चाबहार पोर्ट का अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे के साथ जुड़ाव होने से मध्य एशियाई देशों के साथ संपर्क सुविधा बढ़ेगी जिससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा और सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंध भी मजबूत होंगे।
भारत की मदद से विकसित हुआ चाबहार पोर्ट
अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC) भारत की संकल्पना है और इस पहल का उद्देश्य आयात-निर्यात के रूस और यूरोप तक पहुंचने और मध्य एशियाई बाजारों में प्रवेश में लगने वाले समय को कम करना है। चाबहार पोर्ट को भारत की मदद से ही विकसित किया गया है और यह मध्य एशिया में कमर्शियल आवागमन का केंद्र है। भारत ईरान सरकार के साथ मिलकर चाबहार पोर्ट में एक टर्मिनल के विकास में भी मदद दे रहा है।
चाबहार दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे सोनोवाल
चाबहार और INSTC के बीच संपर्क जोड़कर मध्य एशियाई बाजारों को जोड़ने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए मनाए जाने वाले ‘चाबहार दिवस’ पर आयोजित कार्यक्रम में सोनोवाल ने कहा, ‘‘यह संपर्क मध्य एशियाई देशों के साथ कनेक्टिविटी को तो बढ़ाएगा ही, इससे निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा और हमारे सांस्कृतिक एवं राजनीतिक संबंध और मजबूत होंगे।’’ सोनोवाल ने कहा कि मध्य एशियाई बाजार की संभावनाओं को देखते हुए भारत की अगुवाई में कनेक्टविटी की जो पहलें हो रही हैं उससे मध्य एशियाई देशों को हिंद प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षित एवं कमर्शियल रूप से समक्ष पहुंच मिलेगी।
गौरतलब है कि चाबहार पोर्ट से भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान की दूरी बहुत कम है। चाबहार पोर्ट दक्षिण-पूर्व ईरान में ओमान की खाड़ी के नजदीक स्थित है। यहां से भारत में व्यापार के लिए माल भेजने में समय और किराया कम लगेगा। अभी जलमार्ग से भारत से किर्गिस्तान माल आने में इस समय 30-45 दिन का समय लगता है। चाबहार पोर्ट शुरू होने पर यह समय कम होकर 14 से 15 दिन हो जाएगा। इसके कारण माल भाड़ा भी कम लगेगा। चाबहार पोर्ट के क्षेत्रीय व्यापार का केंद्र बनने से ईरान, भारत और आसपास के देशों को ज्यादा लाभ होगा।
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