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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'अस्पतालों में सुरक्षा के किए जाएं पूरे इंतजाम, 10 सितंबर तक दें रिपोर्ट', केंद्र ने राज्यों और UT को लिखा पत्र

'अस्पतालों में सुरक्षा के किए जाएं पूरे इंतजाम, 10 सितंबर तक दें रिपोर्ट', केंद्र ने राज्यों और UT को लिखा पत्र

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या किए जाने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर अस्पतालों में और सुरक्षा बढ़ाए जाने के निर्देश दिए हैं।

अस्पतालों में डॉक्टरों की कड़ी सुरक्षा की मांग- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO-PTI अस्पतालों में डॉक्टरों की कड़ी सुरक्षा की मांग

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों की सुरक्षों को लेकर पत्र लिखा है। सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों (DGP) को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया कि सभी चिकित्सा संस्थानों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सुरक्षा उपायों और सुरक्षित काम का वातावरण मुहैया कराया जाए।

10 सिंतबर तक दी जाए कार्रवाई रिपोर्ट

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने बुधवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) को निर्देश जारी किए हैं। इसमें डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सुरक्षा उपायों पर 10 सितंबर तक कार्रवाई रिपोर्ट देने को कहा गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया था आदेश

यह निर्देश हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आया है, जिसमें देश भर में मेडिकल लाइन से जुड़े डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया गया था।

जोखिम वाले संस्थानों की पहचान की जाए

सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को संबोधित पत्र में चंद्रा ने स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्राथमिकता दिए जाने वाले कई प्रमुख उपायों को रेखांकित किया है। इसमें उच्च जोखिम वाले संस्थानों की पहचान, सुरक्षा ऑडिट, सीसीटीवी निगरानी, ​​पृष्ठभूमि जांच और कई अन्य प्रोटोकॉल शामिल हैं।

जिन अस्पतालों में मरीजों की संख्या ज्यादा, उनकी हो पहचान

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया है कि कि वे ऐसे अस्पतालों की पहचान करें जहां मरीजों की संख्या अधिक है। स्वास्थ्य सचिव ने अस्पतालों में मौजूदा सुरक्षा उपायों का आकलन करने और उन्हें बेहतर बनाने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य और पुलिस अधिकारियों के परामर्श से नियमित सुरक्षा ऑडिट आयोजित करने की सिफारिश की। चंद्रा के अनुसार, अस्पतालों के उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। जहां सुरक्षा भंग होने की संभावना रहती है, जैसे आपातकालीन कक्ष, ट्राइएज क्षेत्र, आईसीयू) और प्रसव कक्ष शामिल हैं।

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