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Hindi News भारत राष्ट्रीय केंद्र ने मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने वाली याचिकाओं का किया विरोध, सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामा

केंद्र ने मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने वाली याचिकाओं का किया विरोध, सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामा

केंद्र सरकार ने मैरिटल रेप को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की मांग करने वाली याचिकाओं का केंद्र सरकार ने विरोध किया है। केंद्र ने कहा कि मैरिटल रेप को अपराध बनाने की जरूरत नहीं है।

Central government opposes petitions to declare marital rape a crime petition filed in Supreme Court- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO मैरिटल रेप पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने दायर की याचिका

मैरिटल रेप को भारत में आज भी रेप की श्रेणी में नहीं रखा जाता है। इस तरह के मामलों में अक्सर घरेलू हिंसा समेत अन्य कई प्रावधानों का इस्तेमाल किया जाता है। इस बीच केंद्र सरकार ने मैरिटल रेप संबंधित हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है। केंद्र सरकार ने मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की मांग करने वाली याचिकाओं का विरोध किया है। केंद्र सरकार ने कहा, "मैरिटल रेप को अपराध बनाने की जरुरत नहीं है, क्योंकि इसके लिए वैकल्पिक "उपयुक्त रूप से तैयार दंडात्मक उपाय" मौजूद हैं।" केंद्र सरकार ने कहा कि मैरिटल रेप को अपराध घोषित करना सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।

मैरिटल रेप पर केंद्र सरकार का हलफनामा

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मौजूदा कानून का समर्थन किया जो पति और पत्नी के बीच यौन संबंधों के लिए अपवाद बनाता है। केंद्र सरकार ने अपने हलफनामें में कहा कि यह मुद्दा कानूनी से अधिक सामाजिक है, जिसका सामान्य रूप से समाज पर सीधा असर पड़ता है। इस मुद्दे पर फैसला सभी हितधारकों से उचित परामर्श किए बिना या सभी राज्यों के विचारों को ध्यान में रखे बिना फैसला नहीं लिया जा सकता है। हालांकि विवाद से महिला की सहमति समाप्त नहीं होती है। इसके उल्लंघन के परिणामस्वरूप दंडात्मक परिणाम होने चाहिए। 

केंद्र सरकार ने दिया ये तर्क

केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा कि विवाह के भीतर इस तरह के उल्लंघन के परिणाम विवाह के बाहर के उल्लंघन से भिन्न होते हैं। हलफनामें में केंद्र सरकार ने मेरिटल रेप को अपराध के दायरे में लाने का विरोध किया है। लेकिन साथ में यह भी कहा है कि अगर कोई पत्नी की इच्छा के खिलाफ जबरदस्ती संबंध बनाता है तो ऐसी सूरत में उसे दंडित करने के लिए कानून में पहले से ही प्रावधान है। बता दें कि इससे पहले भी देश में कई बार मैरिटल रेप को लेकर चर्चा हो चुकी है। इस बीच मैरिटल रेप को रेप की श्रेणी में लाने की कई याचिकाएं देशभर में दायर की जा चुकी हैं। ऐसे में इन याचिकाओं के विरोध में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है।

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