नगालैंड में विवादास्पद सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम यानी अफ्स्पा को हटाने पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने रविवार को कहा कि केंद्र नगालैंड से आफस्पा (AFSPA) हटाने पर गौर करने के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित करेगा। गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (पूर्वोत्तर) आफस्पा पर समिति की अध्यक्षता करेंगे वहीं समिति में नगालैंड के मुख्य सचिव, डीजीपी भी होंगे। समिति 45 दिनों के भीतर सिफारिशें सौंपेगी, जिसके आधार पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने ट्वीट करते हुए लिखा, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में नई दिल्ली में 23 दिसंबर, 2021 को हुई बैठक के संबंध में मीडिया को जानकारी दी, इस मामले को अत्यधिक गंभीरता से लेने के लिए अमित शाह जी का आभारी हूं। राज्य सरकार सभी से शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए अपील करती है।” इस बैठक में रियो के अलावा असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा भी मौजूद थे।
सशस्त्र बलों को विशेषाधिकार देने वाले इस कानून (अफ्स्पा) को हटाने की मांग ने इस महीने की शुरुआत में मोन जिले में सेना की कार्रवाई में 14 नागरिकों की मौत होने के बाद जोर पकड़ा है। इसके खिलाफ राजधानी कोहिमा समेत पूरे राज्य में विरोध-प्रदर्शन हुए थे।
बता दें कि, नगालैंड विधानसभा में पिछले हफ्ते एकमत से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से अफस्पा हटाने की मांग की गई थी। साथ ही 5 सूत्रीय मांगें केंद्र सरकार से की गई थीं, इसमें नगालैंड ही नहीं बल्कि समूचे पूर्वोत्तर से अफस्पा हटाने की मांग की गई थी। गौरतलब है कि अफस्पा के तहत सुरक्षाबलों को कई तरह के विशेषाधिकार दिए गए हैं।
अफस्पा हटाने की मांग पर विचार करने वाले समूह में केंद्र और राज्य सरकार के साथ नगालैंड पुलिस के अधिकारी भी होंगे। यह कमेटी 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी। इस कमेटी की सिफारिशों के आधार पर अफस्पा को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा।
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