Center's Expenses on Advertisement: मोदी सरकार ने अपनी योजनाओं और सरकारी कामकाज से जुड़े विज्ञापनों पर कितना पैसा खर्च किया है इसको लेकर केंद्रीय मंत्री ने उच्च सदन में जानकारी दी है। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को राज्यसभा को बताया कि सरकार ने पिछले तीन सालों में अखबारों, टेलीविजन चैनलों और वेब पोर्टलों में विज्ञापनों पर 911.17 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। ठाकुर ने एक सवाल के लिखित जवाब में यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 से जून 2022 तक केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा विज्ञापनों का भुगतान किया गया था। गौरतलब है कि राज्यसभा सदस्यों ने सरकार से साल 2014 से वर्ष-वार और वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान मीडिया में विज्ञापन पर कुल खर्च का ब्यौरा मांगा था।
अखबारों पर किया कितना खर्चा
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार ने 2019-20 में 5,326 अखबारों में विज्ञापनों पर 295.05 करोड़ रुपये, 2020-21 में 5,210 अखबारों में विज्ञापनों पर 197.49 करोड़ रुपये, 2021-22 में 6,224 अखबारों में विज्ञापनों पर 179.04 करोड़ रुपये और 2022-23 में जून तक 1,529 अखबारों में विज्ञापनों पर 19.25 करोड़ रुपये खर्च किए।
टीवी चैनलों पर भी करोड़ों के ऐड
अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार ने 2019-20 में 270 टेलीविजन (टीवी) चैनलों में विज्ञापनों पर 98.69 करोड़ रुपये, 2020-21 में 318 टीवी चैनलों में विज्ञापनों पर 69.81 करोड़ रुपये, 2021-22 में 265 न्यूज चैनलों में विज्ञापनों पर 29.3 करोड़ रुपये और 2022-23 में जून तक 99 टीवी चैनलों में विज्ञापनों पर 1.96 करोड़ रुपये खर्च किए।
वेव साइटों पर किया इतना खर्च
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस सदस्य दिग्विजय सिंह के एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि वेब पोर्टल पर विज्ञापनों पर सरकार का खर्च 2019-20 में 54 वेबसाइटों पर 9.35 करोड़ रुपये, 2020-21 में 72 वेबसाइटों पर विज्ञापनों पर 7.43 करोड़ रुपये, 2021-22 में 18 वेबसाइटों में विज्ञापनों पर 1.83 करोड़ रुपये और 2022-23 में जून तक 30 वेबसाइटों पर 1.97 करोड़ रुपये था।
असम सरकार ने दिया था विज्ञापनों पर खर्चे का हिसाब
गौरतलब है कि इससे पहले असम सरकार ने भी कुछ महीने पहले विधानसभा में विज्ञापनों पर खर्च का हिसाब दिया था। विधानसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक असम सरकार का विज्ञापनों पर खर्च वित्त वर्ष 2021-22 में बढ़कर 45 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है, जो 2010-11 में पांच करोड़ रुपये से अधिक था। 2017-18 को छोड़कर जब खर्च पिछले साल की तुलना में कम था, 2010-11 और 2021-22 के बीच विज्ञापनों पर सालाना खर्च की प्रवृत्ति बढ़ी है। असम के सूचना और जनसंपर्क मंत्री पीयूष हजारिका ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि वित्त वर्ष 2021-22 में कई तरह के मीडिया संस्थानों के माध्यम से सरकारी विज्ञापनों पर 45,05,10,580 रुपये खर्च किए गए।
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