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Hindi News भारत राष्ट्रीय CBI ने रूस-यूक्रेन युद्ध में अवैध तरीके से युवाओं को भेजने के मामले में की पहली बार गिरफ्तारी, 7 राज्यों में डाली गई थी रेड

CBI ने रूस-यूक्रेन युद्ध में अवैध तरीके से युवाओं को भेजने के मामले में की पहली बार गिरफ्तारी, 7 राज्यों में डाली गई थी रेड

सीबीआई ने रूस यूक्रेन युद्ध के दौरान अवैध तराके से रूस भेजने के मामले में पहली बार कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है।

प्रतिकात्मक फोटो- India TV Hindi Image Source : PTI प्रतिकात्मक फोटो

केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने रशिया यूक्रेन युद्ध मे वार जॉन में अवैध तरीके से युवाओं को भेजने के मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है। युवाओं को रशियन आर्मी में नौकरी दिलाने के नाम पर मानव तस्करी मामले में सीबीआई ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।सीबीआई ने मानव तस्करी के मामले में यह पहली गिरफ्तारी की है, इस मामले में युवाओं को आकर्षक नौकरियों की आड़ में धोखा देकर रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में भेजा जा रहा था।

ये हैं चारों के नाम

जानकारी के मुताबिक, सीबीआई ने 7 मई 2024 को दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके नाम अरुन पिता का नाम नॉर्बेट और येसुदास जूनियर उर्फ प्रियान पिता का नाम येसुदास है, दोनों ही त्रिवेन्द्रुम केरल के रहने वाले है।  इन सबकी गिरफ्तारी 6 मार्च 2024 को दर्ज सीबीआई के मामले आईपीसी की धारा 370, 420 और 120 बी के तहत की गई है। वहीं, 24 अप्रैल 2024 को सीबीआई ने इनके अलावा दो आरोपी जिनके नाम निजिल जोबी बेनसाम कन्याकुमारी के रहने वाले और एंटोनी माइकल एलेनगोवल मुम्बई के रहने वालों को गिरफ्तार किया था और इन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

मार्च में दर्ज हुआ था मामला

जानकारी दे दें कि सीबीआई ने मार्च महीने में कुछ कंसल्टेंसी और उनके मालिकों समेत कुछ लोगों पर मामला दर्ज किया था और 7 राज्यों में 10 लोकेशन पर रेड्स भी की थी। इसी दौरान रूस के कुछ इलाकों से कुछ वीडियो सामने आई थी जिसमें कंसल्टेंसी के कुछ लोग भारतीयों को रूस में नौकरी के नाम पर बुला रहे थे। वहीं, बॉर्डर पर कुछ उन युवाओं के ऐसी वीडियो सामने आई थी, जो जबरन इस युद्ध में फंस गए थे।

सीबीआई ने 6 मार्च 2024 को देश भर में मानव तस्करी के एक बड़े रैकेट का खुलासा किया था जिसमें युवाओं को विदेश में नौकरी का वादा किया जाता था, ये भारतीय युवाओं को खासतौर पर यूट्यूब पर सम्पर्क करते थे, ये वही डीलर्स होते थे जो रशिया में बड़े लेवल पर सोशल मीडिया के एजेंट्स के तौर पर काम करते थे।

युद्ध में मर्जी के खिलाफ होती थी तैनाती

भारतीय युवाओं को विदेश में नौकरी का झांसा देकर रशिया यूक्रेन में फ्रंट लाइन युद्ध एरिया में ट्रेनिंग के बाद तैनात किया जाता था और ये सब उनकी मर्जी के खिलाफ होता था। इन युवा भारतीय नागरिकों की जिंदगी खतरे में डालकर इनकी मर्जी के बिना इन्हें फ्रंट लाइन युद्ध में उतारा जाता था, जिसमें कई भारतीय नागरिक गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। सीबीआई ने इन कन्सलटेंसी और इनके मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू की थी।

कैसे होता था काम?

जानकारी के लिए बता दें कि आरोपी निजिल जोबाई बेनसम रशिया में कांट्रेक्ट बेसिस पर ट्रांसलेटर के तौर पर काम करता था और भारतीय युवाओं को रशिया आर्मी में भर्ती कराने में इसका अहम रोल था। जबकि आरोपी मिशेल एंथोनी दुबई में बेस्ड दूसरे आरोपी फैजल बाबा की मदद करता था, ये सोशल मीडिया पर भारतीय युवाओं को चाइना के रास्ते वीजा दिलाने और उन्हें रशिया दिलाने में अहम रोल निभाते थे। आरोपी अरुन और युसुदस जूनियर उर्फ प्रियान मुख्य रिक्रूटर्स थे जो भारतीय युवाओं को रशियन सेना में भर्ती करते थे, ये दिनों केरला और तमिलनाडू से मुख्य तौर पर शामिल थे। सीबीआई को शक है इस इंटरनेशनल मानव तस्करी के बड़े रैकेट और लोग हैं और इन तक पहुंचने के लिए वह जांच में जुटी है।

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