CBI की टीम सोमवार शाम बालासोर रेल हादसे की जांच करने एक्सीडेंट साइट पर पहुंची और मौके का मुआयना किया। सीबीआई की टीम अब हादसे की वजहों की तलाश में जुट गई है। बताया जा रहा है कि CBI ने एक्सीडेंट वाली जगह से अहम सबूत जुटाए हैं। रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा ट्रेन एक्सीडेंट की जांच CBI से किए जाने की बात कही थी, जिसके बाद CBI की एक टीम एक्सीडेंट साइट पर पहुंची। बालासोर रेलवे पुलिस ने इस मामले में 3 जून को FIR दर्ज की थी।
अज्ञात के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला
बालासोर रेलवे पुलिस की इस FIR में अज्ञात के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने के साथ-साथ रेलवे एक्ट और IPC की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इसी FIR को आधार बनाकर CBI इस मामले की जांच करेगी। बालासोर ट्रेन दुर्घटना में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 153, 154 और 175 के तहत कटक में सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई। बालासोर जीआरपीएस के एसआई पापु कुमार नाइक की शिकायत के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई।
"सीबीआई से जांच कराने का कोई मतलब नहीं"
इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "इस हादसे की जांच सीबीआई से कराने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि ऐसे मामलों में सीबीआई की जांच किसी नतीजे पर नहीं पहुंचती। ये काम रेलवे सेफ्टी बोर्ड का है, उसे जल्दी से जल्दी जांच करके बताना चाहिए कि इतना भयानक एक्सीडेंट किस वजह से हुआ, इसके लिए कौन जिम्मेदार है।"
बालासोर रूट पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू
वहीं, ओडिशा के बालासोर रूट पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो गई है। हालांकि, अभी ट्रेनों की स्पीड कम है। वहीं इस हादसे में मरने वालों की संख्या 278 हो गई है। 177 शवों की पहचान हो गई है, जबकि 101 शवों की पहचान होना अभी बाकी है। सरकार हादसे में मारे गए लोगों के शवों को उनके घर तक पहुंचाने की तैयारी कर रही है। वहीं, घायल 1100 लोगों में से 900 यात्रियों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। 200 के करीब यात्रियों का इलाज ओडिशा के अलग-अलग अस्पतालों में जारी है।
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