UGC NET परीक्षा में हुई धांधली के मामले में सीबीआई जांच कर रही है। सीबीआई ने आईपीसी की धारा 120बी और 420 के तहत एफआईआर दर्ज करके जांच को आगे बढ़ाया है। इस परीक्षा में हुई धांधली को लेकर कई अहम खुलासे सामने आए हैं। सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई को इस बात की जानकारी मिली है कि यूजीसी नेट का एग्जाम 16 जून को लीक होने की संभावना थी। साथ ही इस पेपर को 5 से 6 लाख रुपए में बेचे जाने के इनपुट्स भी सीबीआई को मिले हैं।
एग्जाम में गड़बड़ी को लेकर मिले थे इनपुट्स
यूजीसी नेट का एग्जाम 18 जून को दो शिफ्ट में कराया गया था। अगले दिन यानी 19 जून को इंडियन साइबर क्राइम कोर्डिनेशन सेंटर जो कि ग्रह मंत्रालय के अंडर आता है, उसे इनपुट्स मिले कि इस एग्जाम में कुछ गड़बड़ी हुई हो सकती है।
डार्कनेट पर सर्कुलेट किया गया पेपर
सूत्रों के मुताबिक, 16 तारीख को एग्जाम का पेपर डार्कनेट और इंकरप्टेड सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सर्कुलेट किया गया था। अभी तक सीबीआई को ये पता नहीं लगा है कि एग्जाम पेपर को किसने और कहां से लीक किया है? सीबीआई नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के उन लोगों के संपर्क में है, जिनकी जिम्मेदारी इस एग्जाम को कंडक्ट कराने की और एग्जाम पेपर संभालकर रखने की थी।
NTA समेत कुछ इंस्टीट्यूट्स से CBI कर रही पूछताछ
परीक्षा लीक से जुड़े इनपुट्स मिलने के बाद एजुकेशन विभाग के सेक्रेट्री संजय मूर्ति ने सीबीआई को 20 जून को लिखित शिकायत दी थी। इस पर अज्ञात लोगों के खिलाफ सीबीआई ने साजिश और धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कर NTA और कुछ अलग-अलग इंस्टीट्यूट्स के लोगों से पूछताछ और जांच शुरू की है।
शिक्षा मंत्री ने NTA पर ही खड़े किए सवाल
बता दें कि UGC NET परीक्षा में हुई धांधली की बात सामने आने के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को संस्थागत विफलता बताया है। उन्होंने कहा था कि सरकार NTA के कामकाज की जांच करने एवं सुधार की सिफारिश करने के लिए एक हाई लेवल कमेटी गठित करेगी।
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