नई दिल्ली: कर्नाटक हाई कोर्ट के जज जस्टिस श्रीशानंद ने अपनी विवादित टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट में दायर माफीनामे में जस्टिस श्रीशानंद ने कहा है कि उनके बयान को गलत संदर्भ में पेश किया गया। उनका इरादा किसी की भावनाओं को आहत करने का नहीं था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें ये देखना होगा कि जस्टिस श्रीशानंद ने खुली अदालती कार्यवाही में माफी मांगी है। न्यायपालिका के हित में यह जरूरी है कि हम उनके माफी को स्वीकार करें और इस मामले में आगे कोई कार्रवाई न करें।
माफीनामा हुआ स्वीकार
सुप्रीम कोर्ट ने उनके माफीनामे को स्वीकार करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई बंद की। कर्नाटक हाईकोर्ट के जज जस्टिस श्रीशानंद की विवादित टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर हाई कोर्ट से रिपोर्ट मांगी थी।
क्या था विवादित बयान?
जस्टिस श्रीशानंद ने 28 अगस्त को रोड सेफ्टी पर चर्चा के बाद विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने बेंगलुरु के एक इलाके को पाकिस्तान बताया था। वहीं, दूसरी टिप्पणी एक महिला वकील के लिए की गई थी। दोनों ही टिप्पणियों की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने 20 सितंबर को जस्टिस श्रीशानंद की विवादास्पद टिप्पणियों वाली वीडियो क्लिप पर स्वत: संज्ञान लिया था। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, बीआर गवई, सूर्यकांत और हृषिकेश रॉय की 5 न्यायाधीशों की पीठ ने कर्नाटक हाई कोर्ट से रिपोर्ट मांगने का आदेश पारित किया था।
जज ने अपने बयान पर खेद जताया था
कर्नाटक हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी श्रीशानंद ने अपने हालिया बयानों पर खेद व्यक्त किया था। उन्होंने कहा था कि ऐसा अनजाने में हुआ। समाज के किसी व्यक्ति या वर्ग की भावनाओं को आहत के लिए नहीं था। यह स्पष्टीकर उन्होंने बेंगलुरु एडवोकेट्स एसोसिएशन के सदस्यों की मौजूदगी में अदालत में दिया था।
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