A
Hindi News भारत राष्ट्रीय अभी भी बने रह सकते हैं राहुल गांधी वायनाड के सांसद? एक्सपर्ट से जानिए उनके पास कौनसे विकल्प हैं खुले?

अभी भी बने रह सकते हैं राहुल गांधी वायनाड के सांसद? एक्सपर्ट से जानिए उनके पास कौनसे विकल्प हैं खुले?

यदि इन्हें कन्विक्शन स्टे मिल जाता है और इनकी सदस्यता वापस हो जाती है, तो चुनाव आयेग को भी अपना फैसला रद्द करना पड़ेगा। वैसे भी चुनाव एकदम तो नहीं हो सकता। चुनाव करवाने में भी एक डेढ महीने का समय लगता है। तो उस अवधि में कन्विक्शन स्टे हो सकता है तो चुनाव आयोग को भी अभी रुकना होगा।

अभी भी बने रह सकते हैं राहुल गांधी वायनाड के सांसद? एक्सपर्ट से जानिए उनके पास कौनसे विकल्प हैं खुले- India TV Hindi Image Source : PTI अभी भी बने रह सकते हैं राहुल गांधी वायनाड के सांसद? एक्सपर्ट से जानिए उनके पास कौनसे विकल्प हैं खुले?

Rahul Gandhi News: मानहानि के मामले में राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद राहुल गांधी के पास अब क्या विकल्प रह गए हैं, क्या उनकी सांसदी वापस आएगी, क्या वे फिर से सांसद बहाल हो पाएंगे? इन सब बातों पर इंडिया टीवी ने वरिष्ठ वकील विकास सिंह से बातचीत की। इसमें विकास सिंह ने बताया कि राहुल गांधी के पास अभी सभी विकल्प खुले हुए हैं। वे दूसरी अदालतों में जाकर अपनी बात रख सकते हैं। जानिए राहुल गांधी के पास अब क्या कानूनी रास्ते हैं? वायनाड सीट पर चुनाव के ऐलान से पहले वे क्या कर सकते हैं। 

राहुल गांधी के पास क्या बचा है कानूनी रास्ता?

वकील विकास सिंह ने बताया कि ‘मेरा मानना है कि उन्हें दो साल की सजा में इनकी सदस्यता रद्द नहीं होनी चाहिए। क्योंकि हमारा कानूनी नियम दो साल तक की सजा को माइनर मानता है। दो साल तक की सजा बेलेबल होती है। ये जो सेक्शन है, ये सेक्शन दो साल तक की सजा को बचाने के लिए है। लेकिन जहां तक सवाल है कि उनके पास विकल्प क्या है। राहुल गांधी रिट कोर्ट में जाएं और बताएं कि नियमानुसार दो साल तक यह रद्द नहीं होनी चाहिए। या सेंटेंस को अपने कन्विक्शन को स्टे करवाएं।क्योंंिक सस्पेंडिंग ऑफ सेंटेंस से उनकी सदस्यता वापस नहीं आती है। अगर वे कन्विक्शन को स्टे करवाएंगे तो उन्हें कोर्ट से फिर एक ऑर्डर मांगना पड़ेगा कि हमारा कन्विक्शन है अगर आप स्टे कर रहे हैं तो साथ साथ मेरी सदस्यता भी वापस कीजिए। अगर कोर्ट वो  रिलीफ देता है तभी उनकी सदस्यता आएगी अभी के माहौल में।‘

विकास सिंह ने इंडिया टीवी को बताया कि ‘राहुल गांधी के सारे अधिकार बचे हुए हैं। वे रिट कोर्ट भी जा सकते हैं। अपील में वे यह भी मांग सकते हैं कि सदस्यता वापस की जाए। रिट कोर्ट में भी जा सकते हैं कि जब उनका कन्विक्शन स्टे हो जाए तो उनकी सदस्यता वापस दी जाए। इसलिए कई विकल्प उनके पास मौजूद हैं, अतः मुझे नहीं लगता कि कोई बहुत बड़ी परेशानी है उन्हें इस बात को लेकर।

अभी मिली सजा को हाईकोर्ट रद्द कर दे तो उनकी सदस्यता वापस हो सकती है?

इस पर वकील विकास सिंह ने कहा कि ‘सजा रद्द करने में तो बहुत टाइम लगेगा। अपील पर सुनवाई होगी तब रद्द होगा। लेकिन कम से कम कन्विक्शन को स्टे अगर कर दे और साथ साथ ये भी ऑर्डर करे कि हमने चूंकि कन्विक्शन ही स्टे कर दिया है इसलिए उनकी सदस्यता उनको लौटा दी जाए, तो ही वापस हो पाएगा। यहां पर दुर्भाग्य से एक ही दिन में इनकी सदस्यता रद्द कर दी गई है। नॉर्मली एक महीने का वक्त लगता था। इससे टाइम मिल जाता था अपील में जाने का। लेकिन चूंकि अभी पहले से ही सदस्यता रद्द कर दी गई है ऐसे में कोर्ट से ही  ऑर्डर करवाना पड़ेगा सदस्यता को वापस दिलवाने के लिए।‘

 वायनाड सीट  खाली हो गई, क्या अब आयोग करेगा चुनाव का ऐलान?

विकास सिंह ने कहा कि ‘ऐलान कर सकता है, लेकिन यदि इन्हें कन्विक्शन स्टे मिल जाता है और इनकी सदस्यता वापस हो जाती है, तो चुनाव आयेग को भी अपना फैसला रद्द करना पड़ेगा। वैसे भी चुनाव एकदम तो नहीं हो सकता। चुनाव करवाने में भी एक डेढ महीने का समय लगता है। तो उस अवधि में कन्विक्शन स्टे हो सकता है तो चुनाव आयोग को भी अभी रुकना होगा।

क्या राहुल गांधी पर फैसला जल्दबाजी में लिया गया?

विकास सिहं ने बताया कि इस केस में सामान्यतः पहले कभी 24 घंटे में फैसला नहीं हुआ है। मैं आपको जो लीगल ओपिनियन बता रहा हूं आठ तीन के इंटरप्रेटेशन के बारे में, ये इंटरप्रेटेशन कभी नहीं आया है किसी कोर्ट में। हालांकि एक दो सदस्यों की सदस्यता रद्द जरूर हुई है।‘
वकील सिंह ने कहा कि ‘मेरे हिसाब से कोर्ट कभी भी इस बात को देखेगा तो दो साल तक की सजा को हमेशा से गंभीर नहीं माना गया है। तीन साल को ही गंभीर माना गया हैै। सजा कभी भी दो साल एक महीने की नहीं होती है। सजा या तो एक साल, छ महीने या तीन साल की होती है। 

अब अपील की प्रक्रिया क्या होगी?

अगर मजिस्ट्रेशन कोर्ट ने कन्विक्ट किया है तो सेशंस कोर्ट में अपील के लिए जाना होगा। सेशंस कोर्ट सस्पेंशन को स्टे कर सकता है। कन्विक्शन का स्टे भी मांगा जा सकता है। विकल्प सभी खुले हुए हैं। 

Also Read:

ISI और पाकिस्तान सरकार की खुली पोल, सिंध के लोगों पर जबरन ढाए जा रहे जुल्म

हिंदू देश नेपाल में पिछले 11 साल में बढ़ी इतने लाख की आबादी, जनगणना में आया चौंकाने वाला आंकड़ा

जिसे कहा था हिटलर, उसी ईरानी सुप्रीम लीडर के आगे झुके सऊदी अरब के प्रिंस, आखिर क्या है वजह?

Latest India News