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Hindi News भारत राष्ट्रीय पाकिस्तान की गोलीबारी में वीरगति को प्राप्त हुए BSF जवान ने बचाई थी दर्जनों सैनिकों की जान

पाकिस्तान की गोलीबारी में वीरगति को प्राप्त हुए BSF जवान ने बचाई थी दर्जनों सैनिकों की जान

पाकिस्तान के रेंजर्स द्वारा गुरुवार को अकारण की गई गोलीबारी में शहीद हुए बीएसएफ के जवान लाल फाम कीमा ने एक ऑपरेशन के दौरान दर्जनों सैनिकों की जान बचाई थी।

BSF Jawan, BSF Jawan Lal Fam Kima, BSF Jawan Pakistan Firing- India TV Hindi Image Source : PTI BSF जवान लाल फाम कीमा को गुरुवार को जम्मू में अंतिम विदाई दी गई।

नई दिल्ली: जम्मू में गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास पाकिस्तानी रेंजर्स की अकारण गोलीबारी में वीरगति को प्राप्त हुए सीमा सुरक्षा बल (BSF) के हेड कांस्टेबल लाल फाम कीमा को गुरुवार को अंतिम विदाई दी गई। लाल फाम कीमा के कमांडिंग ऑफिसर रहे सुखमिंदर ने एक पोस्ट में लिखा है कि वह एक 'निडर' सैनिक थे, जिन्होंने एक बार जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) के करीब एक आतंकवादी रोधी अभियान के दौरान अपने दर्जनों साथियों की जान बचाई थी। जम्मू-कश्मीर में 1998 की सर्दियों में एक अभियान के दौरान गूल गांव में मिट्टी के घर के अंदर छिपे एक आतंकवादी को मार गिराने के लिए कीमा ने अपनी LMG खाली कर दी थी।

1996 में BSF में शामिल हुए थे कीमा

कीमा के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर (CO) ने उस ऑपरेशन को याद करते हुए एक भावनात्मक पोस्ट लिखा, जिसे BSF के कई अधिकारियों ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर शेयर किया। भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जम्मू के रामगढ़ सेक्टर में गुरुवार को पाकिस्तानी रेंजर्स की बिना उकसावे वाली गोलीबारी में 50 साल के कीमा वीरगति को प्राप्त हो गए थे। आइजोल के रहने वाले हेड कॉन्स्टेबल कीमा 1996 में सीमा सुरक्षा बल में शामिल हुए थे और वर्तमान में BSF की 148वीं बटालियन में तैनात थे, जिसे अंतरराष्ट्रीय सीमा की हिफाजत का जिम्मा सौंपा गया है।

‘25 साल से सुना रहा हूं बहादुरी के किस्से’

कीमा के पूर्व CO सुखमिंदर (पोस्ट में केवल पहले नाम का उल्लेख किया गया है) ने उन्हें याद करते हुए कहा कि जब उन्होंने सीमा पर एक BSF जवान की मौत की खबर सुनी, तो इस अकारण गोलीबारी में अपने पुराने सहयोगी के मारे जाने के डर के चलते उनके मन में उथल-पुथल मच गई। पूर्व सीओ ने कहा कि वह युवा अधिकारियों और सैनिकों को बीते कई वर्षों से ‘LoC पर लगभग 25 साल पहले चलाए गए एक अभियान के दौरान कीमा द्वारा दिखाई गई बहादुरी और सतर्कता के किस्से सुनाते आ रहे हैं।’

CO ने सुनाई खतरनाक ऑपरेशन की कहानी

इस पोस्ट में जिक्र किया गया है कि आतंकी मिट्टी के एक घर के अंदर छिपे हुए थे और सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ के बाद उन्होंने फिदायिन हमला कर खुद को उड़ा लिया, ताकि आसपास मौजूद BSF जवानों को भी मारा जा सके। पोस्ट के मुताबिक, घर के अंदर से धुंआ निकल ही रहा था कि BSF की टीम उसमें घुस गई और 3 आतंकियों को मृत पाया। पोस्ट में पूर्व CO ने कहा कि तभी अचानक जोर से चिल्लाने की आवाज आई कि 'तुम साला पिन निकलेगा।' इसके बाद LMG से जोरदार गोलीबारी हुई और सभी खुद को बचाने के लिए छिपने लगे।

Image Source : PTIBSF जवान लाल फाम कीमा को श्रद्धांजलि देते अफसर।

…और कीमा ने बचा ली दर्जनों सैनिकों की जान

पूर्व CO ने लिखा,'गोलीबारी करने वाले कोई और नहीं, बल्कि लाल फाम कीमा ही थे। दरअसल, उन्होंने आखिरी सांसें ले रहे एक आतंकी को ग्रेनेड से पिन हटाते हुए देख लिया था। मिट्टी के घर में धमाके के बाद जब बाकी जवान अंदर घुसकर तलाशी में व्यस्त थे, तब कीमा हमेशा की तरह सतर्क रहते हुए सभी गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे। अपनी सतर्कता के कारण ही उन्होंने ग्रेनेड से पिन निकालते आतंकी को देख लिया था।' पूर्व CO के अनुसार, अगर आतंकी पिन निकालने में कामयाब हो जाता, तो दर्जनों सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ती और सफल ऑपरेशन के लिए की गई सारी मेहनत मिट्टी में मिल जाती। (भाषा)

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