एलएसी पर चीन से लगातार चल रही तनातनी के बीच रक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला किया है। बोर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) की ओर से पूर्वी लद्दाख में काफी महत्वपूर्ण न्योमा बेल्ट में एक नए एयरफील्ड का निर्माण किया जाएगा। इस एयरफील्ड को बनाने में कुल 218 करोड़ रुपये की लागत आएगी। चीन को सीमा पर कड़ी टक्कर देने के लिहाज से इस एयरफील्ड के निर्माण को काफी अहम कदम माना जा रहा है।
राजनाथ सिंह रखेंगे आधारशिला
पूर्वी लद्दाख में बन रहे नए एयरफील्ड के निर्माण कार्य की आधारशिला देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रखेंगे। रक्षा मंत्री 12 सितंबर को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़ेंगे। एक अधिकारी ने बताया है कि इस एयरफील्ड के निर्माण से लद्दाख में हवाई बुनियादी ढांचे को काफी बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही हमारी सीमाओं पर वायुसेना की क्षमता में भी काफी वृद्धि होगी।
चीन से जारी गतिरोध
पूर्वी लद्दाख के न्योमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड का इस्तेमाल साल 2020 से ही किया जा रहा है। चीन से सीमा पर जारी तनाव के बीच इसे सैनिकों और सामग्री के परिवहन के लिए इस्तेमाल किया गया है। यहां सेना के चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलिकॉप्टर और सी-130जे विशेष विमान का संचालन भी हुआ है।
अब भी जारी है तनाव
साल 2020 में गलवान में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई झड़प के बाद से शुरू हुआ दोनों देशों के बीच का तनाव अब भी जारी है। एक ओर चीन भारत से सटी सीमा पर बड़े स्तर पर निर्माण और हथियारों की तैनाती कर रहा है तो वहीं, भारत ने भी सीमा पर बड़ी संख्या में तैनाती कर रखी है। भारत भी सीमा पर सैनिकों की सुविधाएं बढ़ाने के लिए अलग-अलग प्रोजेक्ट्स शुरू कर रहा है। हाल ही में भारत ने जम्मू-कश्मीर में मिग-29 जैसे घातक लड़ाकू विमान की तैनाती भी की थी।
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