Boarding Pass Charge: एयकरपोर्ट पर चेक-इन काउंटर पर बोर्डिंग पास जारी करने के लिए एयरलाइन कंपनियां यात्रियों से टिकट के अलावा एक्स्ट्रा पैसे वसूल रही थीं। इसका केंद्र सरकार ने संज्ञान लिया है। एयरलाइन कंपनियां अब हवाईअड्डे के चेक-इन काउंटर पर बोर्डिंग पास जारी करने के लिए यात्रियों से अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूल सकेंगी। नागर विमानन मंत्रालय ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी है।
यात्रियों से हो रही एक्स्ट्रा वसूली
इंडिगो, स्पाइसजेट और गो फर्स्ट जैसी एयरलाइंस यात्रियों से चेक-इन काउंटर पर बोर्डिंग पास देने के एवज में 200 रुपये का शुल्क वसूल रही थीं। मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘‘नागर विमानन मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि एयरलाइंस यात्रियों को बोर्डिंग पास जारी करने के लिए अतिरिक्त शुल्क ले रही हैं।’’ मंत्रालय ने कहा कि यह विमानन नियम, 1937 के प्रावधानों के अनुरूप जारी निर्देशों के तहत उचित नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि इसी के तहत एयरलाइंस को सलाह दी जाती है कि वे हवाईअड्डे के चेक-इन काउंटर पर बोर्डिंग पास जारी करने के लिए यात्रियों से अतिरिक्त शुल्क नहीं लें।
मंत्रालय ने चेक-इन किया था अनिवार्य
गौरतलब है कि मंत्रालय ने 21 मई, 2020 को यात्रियों के लिए वेब चेक-इन को अनिवार्य कर दिया था। उस समय यात्रियों को बोर्डिंग पास खुद निकालना होता था इसके बाद मंत्रालय ने नौ मई, 2021 को जारी आदेश में कहा था कि एयरलाइंस यात्रियों पर समय पर वेब चेक-इन के लिए प्रोत्साहित करें और वेब चेक-इन नहीं करने वाले यात्रियों से किसी तरह का शुल्क वसूलने से बचें। मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि एयरलाइंस द्वारा बोर्डिंग पास जारी करने के लिए अतिरिक्त शुल्क लेना नौ मई के आदेश के अनुरूप नहीं है।
यात्रियों के साथ एयरलाइंस का भी ‘बचाव’ कर रही मौजूदा किराया सीमा
गौरतलब है कि कुछ ही महीने पहले केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि किराये की मौजूदा सीमा हवाई यात्रियों के साथ एयरलाइन कंपनियों के ‘संरक्षण’ का काम कर रही है। सिंधिया ने कहा था कि किराये की सीमा की वजह से एयरलाइन यात्रियों से बहुत अधिक किराया नहीं वसूल कर सकती हैं। उन्होंने संकेत दिया था कि किराये की सीमा से संबंधित अंकुशों को हटाने पर यात्रियों की संख्या में सुधार और जेट ईंधन के दाम नीचे आने के बाद विचार किया जा सकता है।
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