कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस चीफ खरगे के गढ़ में बीजेपी ने मारी सेंध, इस चुनाव में मिली जीत
बीजेपी ने कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे के गढ़ में सेंध लगाई है। बीजेपी ने खरगे के गृह जिले कलबुर्गी में मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए हुए चुनाव में जीत हासिल की है।
कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। राज्य में बीजेपी ने सेंधमारी शुरू कर दी है। इस बार बीजेपी ने कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे के गढ़ में सेंध लगाई है। बीजेपी ने खरगे के गृह जिले कलबुर्गी में मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए हुए चुनाव में जीत हासिल की है। इसे लेकर कर्नाटक बीजेपी इकाई उत्साहित है। ऐसे में खरगे के गृह जिले में जीत बीजेपी के लिए राहत लेकर आई है, जो इस वक्त घोटाले के आरोपों और कुछ नेताओं के इस्तीफे से पस्त है।
शनिवार को कर्नाटक पहुंच रहे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को कर्नाटक पहुंच रहे हैं। अमित शाह शुक्रवार को बेंगलुरु का दौरा कर रहे हैं और 26 मार्च को फिर से बीदर के गोरता गांव में सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा का उद्घाटन करने आएंगे। कलबुर्गी नगर निगम के नतीजों को विपक्षी कांग्रेस और सत्तारूढ़ बीजेपी द्वारा प्रतिष्ठा की लड़ाई के रूप में लिया गया।
नेताओं के पार्टी छोड़ने से डगमगा गई थी बीजेपी
कलबुर्गी से कोली समुदाय के एक प्रभावशाली नेता, बीजेपी एमएलसी बाबूराव चिंचनासुर ने इस्तीफा दे दिया था और कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कई नेताओं के कांग्रेस छोड़ने और शामिल होने के बाद बीजेपी में डगमगा गई थी। ऐसे में कलबुर्गी नगर निगम में जीत बीजेपी के लिए मतदाताओं को सही संकेत दे सकता है। सूत्रों ने बताया कि बीजेपी विधायक दत्तात्रेय पाटिल रेवुरा की कोशिश रंग लाई।
मतदान में कुल 65 सदस्यों ने लिया था हिस्सा
भगवा पार्टी 12 साल बाद सत्ता में आई है। गुरुवार को हुए मतदान में कुल 65 सदस्यों ने हिस्सा लिया। बीजेपी ने 33 वोट हासिल कर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस को 32 वोट मिले। कांग्रेस एक वोट से चुनाव हार गई। कांग्रेस के पास 30 सदस्य थे और बीजेपी के पास 34 सदस्य थे। चार सदस्यों वाला जेडीएस किंगमेकर की स्थिति में थी। जेडीएस के सदस्य अलीम पटेल ने मतदान करने से परहेज किया। एआईसीसी अध्यक्ष खरगे व बीजेपी एमएलसी लक्ष्मण सावदी भी अनुपस्थित रहे।
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महापौर के चुनाव में एक साल की देरी हुई
महापौर के चुनाव में एक साल की देरी हुई, क्योंकि कांग्रेस ने बीजेपी एमएलसी के नाम मतदाता सूची में शामिल करने पर आपत्ति जताते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। इस बीच, राज्य के युवा एवं खेल मंत्री डॉ. एम.सी. नारायण गौड़ा, जो कांग्रेस में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार थे, ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ चर्चा के बाद पार्टी में बने रहने का फैसला किया है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से मुलाकात की। इस घटनाक्रम से राज्य में बीजेपी के खेमे को बल मिला है।
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