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Hindi News भारत राष्ट्रीय पीएम मोदी से मिले BJP के SC/ST सांसद, क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को लेकर जताई चिंता

पीएम मोदी से मिले BJP के SC/ST सांसद, क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को लेकर जताई चिंता

भाजपा के एससी, एसटी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने एसटी-एसटी के बीच क्रीमी लेयर की पहचान करने वाली सुप्रीम कोर्ट के टिप्पणी पर चिंता व्यक्त की है। इसे लेकर पीएम मोदी ने ट्वीट भी किया है।

BJP SC ST MPs met PM Narendra Modi expressed concern over this arrangement of the court- India TV Hindi Image Source : TWITTER पीएम मोदी से मिले भाजपा के SC/ST सांसद

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के बीच क्रीमी लेयर की पहचान करने पर उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी पर चिंता व्यक्त की। बैठक के बाद मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज एससी/एसटी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। एससी/एसटी समुदायों के कल्याण और सशक्तीकरण के लिए हमारी प्रतिबद्धता और संकल्प को दोहराया।’’ उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई ने एक अगस्त को कहा था कि राज्यों को एससी और एसटी के बीच क्रीमी लेयर की पहचान करने के लिए एक नीति बनानी चाहिए और उन्हें आरक्षण के लाभ से वंचित करना चाहिए। 

पीएम मोदी से प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात

प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाजपा के राज्यसभा सदस्य सिकंदर कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘हम सभी उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था से चिंतित थे। हमें इस मामले पर चिंता व्यक्त करने वाले लोगों के फोन आ रहे थे।’’ उन्होंने संसद परिसर में कहा, ‘‘एससी और एसटी का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज सुबह प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इस संबंध में अपनी चिंता व्यक्त की।’’ कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सांसदों के साथ गंभीर चर्चा की और आश्वासन दिया कि सरकार शीर्ष अदालत की व्यवस्था को लागू नहीं होने देगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इसके लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।’’ भाजपा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री को सौंपे ज्ञापन में आग्रह किया कि क्रीमी लेयर के मुद्दे पर शीर्ष अदालत की व्यवस्था को लागू नहीं किया जाना चाहिए। 

अर्जुन राम मेघवाल ने कही ये बात

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री की भी ऐसी ही राय थी। उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि वह मामले को देखेंगे। उन्होंने हमें चिंता न करने को भी कहा।’’ कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि विपक्षी दल अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के अंदर उप-वर्गीकरण की राज्यों को अनुमति देने संबंधी उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी को लेकर समाज को गुमराह नहीं करें। सदन में प्रश्नकाल के दौरान शिवसेना (यूबीटी) के सदस्य भाऊसाहेब वाकचौरे के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि न्यायालय ने कोई फैसला नहीं दिया है, सिर्फ टिप्पणियां की हैं। मेघवाल ने कहा, ‘‘एससी-एसटी के उप-वर्गीकरण में क्रीमी लेयर का संदर्भ उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की टिप्पणी है, न कि फैसले का हिस्सा। सदस्य को समाज को गुमराह करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।’’ 

अर्जुन राम मेघवाल बोले- आरक्षण देने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं

उन्होंने कहा कि संविधान में राज्यसभा या विभिन्न राज्यों में विधान परिषदों में एससी-एसटी के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। मेघवाल ने कहा, ‘‘राज्यसभा में एससी/एसटी को आरक्षण देने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।’’ उच्चतम न्यायालय ने बहुमत से दिए एक फैसले में पिछले दिनों कहा था कि राज्यों के पास अधिक वंचित जातियों के उत्थान के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लिए निर्धारित आरक्षण में उप-वर्गीकरण करने का अधिकार है। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय संविधान पीठ ने 6:1 के बहुमत से व्यवस्था दी कि राज्यों को अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) में उप-वर्गीकरण करने की अनुमति दी जा सकती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन समूहों के भीतर और अधिक पिछड़ी जतियों को आरक्षण दिया जाए।

(इनपुट-भाषा)

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