नई दिल्ली: राज्यसभा में बुधवार को जनजातीय मंत्रालय से जुड़े एक विधेयक पर चर्चा करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) की एक महिला सदस्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना भगवान कृष्ण से करते हुए कहा कि उनके पास भी 16 कलाएं हैं। यद्यपि उप सभापति हरिवंश ने भाजपा सदस्य को दो बार नसीहत दी कि वह अपनी बात केवल विधेयक तक सीमित रखें।
उच्च सदन में भाजपा की संपतिया उइके ने संविधान (अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2022 पर चर्चा में भाग लेते हुए यह तुलना की। उन्होंने कहा कि देश में कई प्रधानमंत्री हुए जिन्होंने राष्ट्र के कल्याण के लिए काम किया किंतु वे केवल भारत तक ही सिमट कर रह गए। उइके ने कहा, ‘‘...लेकिन प्रधानमंत्री (मोदी) के अंदर अद्भुत इच्छाशक्ति और राष्ट्र एवं विश्व कल्याण की भावना है जिसकी वजह से वह निजी स्वार्थ को छोड़कर देश एवं दुनिया के लिए काम में लगे हुए हैं।’’ उन्होंने कहा कि इसी कारण मोदी आज ‘‘वैश्विक नेता’’ कहलाते हैं।
उन्होंने कहा कि चाहे अमेरिका हो, रूस हो या पड़ोसी दुश्मन देश पाकिस्तान हो, वे भी आज प्रधानमंत्री मोदी की ‘‘मुक्तकंठ’’ से प्रशंसा करते हैं। उइके ने कहा कि ‘‘माननीय प्रधानमंत्री जी आज के युग के कृष्ण भगवान हैं। सोलह कलाएं भगवान कृष्ण में थीं, वे कलाएं माननीय मोदी जी में भी हैं।’’
भाजपा सदस्य प्रशंसा में यही तक नहीं रुकीं। उन्होंने प्रधानमंत्री के ‘‘सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास, सबका प्रयास’’ आह्वान की तुलना प्राचीन भारत के सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य से कर डाली। उन्होंने कहा कि चंद्रगुप्त मौर्य ने अखण्ड भारत का निर्माण किया था, वही काम प्रधानमंत्री मोदी कर रहे हैं। इस पर उप सभापति हरिवंश ने कहा कि यह विधेयक झारखंड के बारे में है, और भाजपा सदस्य केवल उसी पर अपनी बात रखें।
संपतिया ने इसके बावजूद जब प्रधानमंत्री की प्रशंसा जारी रखी तो उपसभापति ने उन्हें फिर टोकते हुए कहा कि वह दूसरे विषय पर बोल रही हैं, उन्हें विधेयक के विषय पर बोलना चाहिए। इस विधेयक में झारखंड के भोगता समुदाय को अनुसूचित जाति से हटाकर अनुसूचित जनजाति की सूची में डालने का प्रावधान है।
(इनपुट- एजेंसी)
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