VIDEO: दोबारा जांच के लिए गए मुकेश राजपूत, एक बार फिर कहा- 'मुझे राहुल गांधी ने धक्का मारा'
मुकेश राजपूत को दोबारा जांच के लिए ले जाया गया, जहां उन्होंने फिर ये कहा कि राहुल गांधी ने उन्हें धक्का मारा था।
"आंबेडकर का नाम लेना फैशन बना लिया है" वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर विरोध प्रदर्शन गुरुवार को हिंसक हो गया। सांसदों ने सीढ़ियों पर खड़े होकर एक-दूसरे को धक्का दिया। बीजेपी का आरोप है कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उनके दो सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत के साथ धक्का-मुक्की की। बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत को दोबारा जांच के लिए ले जाया गया, जहां उन्होंने फिर ये बात दोहराई कि राहुल गांधी ने उन्हें धक्का मारा था। कुछ देर पहले पीएम मोदी ने भी उनसे बात की।
इस बीच, राज्यसभा में बीजेपी की महिला सांसद फान्गनॉन कोन्याक के एक बयान ने पूरे मामले में अलग ही मोड़ ले लिया। कोन्यान का आरोप है कि राहुल गांधी प्रदर्शन के दौरान उन पर जोर-जोर से चिल्लाए। फांगनोन कोन्याक ने कहा कि वह असहज महसूस कर रही थीं। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने संसद के मकर द्वार पर महिला बीजेपी सांसदों के खिलाफ दुर्व्यवहार किया। इस आरोप को लेकर बीजेपी ने राहुल गांधी और कांग्रेस से माफी की मांग की।
बीजेपी महिला सांसद का आरोप
नगालैंड से बीजेपी सांसद फान्गनॉन कोन्याक ने आरोप लगाया कि जब वह और अन्य सांसद संसद के मकर द्वार पर प्रदर्शन कर रहे थे, तब राहुल गांधी उनके पास आए और उन पर चिल्लाने लगे। कोन्याक ने अपनी बात रखते हुए इस घटना को दुखद बताते हुए कहा कि राहुल गांधी का व्यवहार बहुत अपमानजनक था। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने स्थिति को संभालने की कोशिश की और कहा कि वह बीजेपी की शिकायत पर गौर कर रहे हैं।
इसके साथ ही, द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा ने बीजेपी की शिकायत पर सवाल उठाया, यह कहते हुए कि केवल एक पक्ष का जिक्र किया गया है। इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीव्र हंगामा हुआ। अंत में, सभापति ने कार्यवाही दोपहर 2:00 बजे तक स्थगित कर दी।
अमित शाह की टिप्पणी पर हंगामा
इससे पहले राज्यसभा की बैठक के शुरू होते ही विपक्षी दलों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर पर की गई टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। विपक्षी नेताओं ने इस टिप्पणी पर चर्चा कराने की मांग की, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 2:00 बजे तक स्थगित कर दी गई। बैठक की शुरुआत "जय भीम" के नारे से हुई और हंगामा भी इसी मुद्दे पर हुआ।
सभापति धनखड़ ने सदन में आवश्यक दस्तावेजों को पटल पर रखवाया और यह भी बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत चार नोटिस प्राप्त हुए थे। इनमें से तीन नोटिस केंद्रीय गृह मंत्री के बयान पर चर्चा की मांग करते हुए थे और एक नोटिस किसानों की स्थिति पर चर्चा के लिए था।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में "भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा" पर चर्चा के दौरान बाबा साहेब का अपमान किया। कांग्रेस ने शाह के बयान का एक वीडियो जारी किया, जिसमें वह विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, "अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर। अगर भगवान का नाम लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।"
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