नई दिल्ली: कर्नाटक के कुछ हिस्सों में मंदिरों के सालाना मेले और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में मुस्लिम व्यापारियों को अनुमति देने से इनकार के मद्देनजर भाजपा विधायक अनिल एस बेनके ने असहमति जताई है। बेनके ने सोमवार को कहा कि हर व्यक्ति अपना कारोबार कर सकता है और यह फैसला लोगों को करना है कि वह कहां से क्या खरीदते हैं।
बेलगावी उत्तर से विधायक ने इस संबंध में संविधान का जिक्र किया। बेनाके ने कहा, ‘‘मंदिर में मेले के दौरान किसी तरह की पाबंदी लगाने का सवाल ही नहीं उठता, हम प्रतिबंध लगाने की अनुमति नहीं देंगे, लेकिन यदि लोग ऐसा करते हैं, तो हम कुछ नहीं कर सकते।’’ उन्होंने कहा कि लोगों से यह कहना गलत है कि वह कौन सी चीज कहां से खरीदें। विधायक ने कहा कि संविधान सबको समान अवसर प्रदान करने की वकालत करता है।
शुरू में उडुपी जिले में सालाना कौप मारिगुडी महोत्सव में इस तरह के बैनर लगाये गये थे, जिसमे कहा गया था कि गैर हिंदू व्यपारियों और रेहड़ी-पटरी वालों को अनुमति नहीं दी जानी चाहिये। इसके बाद मंदिर प्रबंधन ने कुछ हिंदू समर्थक संगठनों के अनुरोध पर ध्यान दिया था। इसके बाद इसी तरह के बैनर पादुबिदरी मंदिर के समारोह में भी प्रदर्शित किये गये थे। इसी तरह दक्षिण कन्नड़ जिले के कई मंदिरों में भी इस तरह के बैनर दिखाई दिये।
यह मामला जब हाल ही में विधानसभा में पहुंचा, तो भाजपा सरकार ने इस मामले से खुद को अलग कर लिया। भाजपा सरकार ने एक नियम का हवाला दिया जिसके तहत प्रार्थना स्थल के पास की भूमि, इमारत समेत कोई अन्य संपत्ति गैर हिंदुओ को लीज पर नहीं दी जा सकती। लेकिन यह भी साफ किया कि यह नियम मंदिर के बाहर रेहड़ी-पटरी वालों पर लागू नहीं होता।
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