Bikram Singh Majithia: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मादक पदार्थ मामले में बुधवार को शिरोमणि अकाली दल के नेता विक्रम सिंह मजीठिया को जमानत दे दी। मजीठिया के एक वकील अर्शदीप सिंह क्लेर ने बताया कि जस्टिस एम.एस.रामचंद्र राव और जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया है।
विधानसभा चुनाव के बाद किया था आत्मसमर्पण
मजीठिया ने 20 फरवरी को राज्य के विधानसभा चुनाव के बाद आत्मसमर्पण कर दिया था। वह फिलहाल पटियाला जेल में बंद हैं। खंडपीठ ने 29 जुलाई को मजीठिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। मजीठिया ने 23 मई को हाईकोर्ट का रुख करके दिसंबर 2021 में Narcotic Drug Psychotropic Substance (NDPS) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत अपने खिलाफ दर्ज मामले में जमानत मांगी थी। पूर्व मंत्री मजीठिया के खिलाफ कांग्रेस सरकार के दौरान पिछले साल 20 दिसंबर को एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
'दुर्भावनापूर्ण मंशा से यह FIR दर्ज कराई गई'
मजीठिया शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के साले और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई हैं। उन्होंने अपनी जमानत याचिका में कहा था उन्हें निशाना बनाने की दुर्भावनापूर्ण मंशा से यह FIR दर्ज कराई गई। शिअद नेता ने कहा कि पंजाब की पिछली कांग्रेस सरकार ने "अपने राजनीतिक विरोधियों से प्रतिशोध लेने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।'' शिअद ने मजीठिया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने को 'राजनीतिक प्रतिशोध' करार दिया था।
राज्य में मादक पदार्थ रैकेट की जांच के बारे में 2018 में एक रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसके आधार पर मजीठिया के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। मजीठिया ने 24 फरवरी को मोहाली की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके बाद अदालत ने उनकी नियमित जमानत की याचिका खारिज कर दी थी। मजीठिया ने सुप्रीम कोर्ट का भी रुख किया था, कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया था।
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