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Bihar Politics: दागी मंत्रियों के मुद्दे पर नीतीश कुमार पर बीजेपी के हमले को लेकर क्या है देश की जनता का राय

Bihar Politics: भाजपा शासित राज्यों में उनके कई मंत्रियों पर आपराधिक आरोप हैं लेकिन महागठबंधन कैबिनेट में बनाए गए दागी मंत्रियों पर बीजेपी का हमलावर होना कितना सही है या गलत इसके सर्वे में देश की जनता का राय जानने की कोशिश की गई। आइए जानते हैं इस मुद्दे पर क्या है लोगों का मूड?

BJP's attack on Nitish Kumar on the issue of tainted ministers- India TV Hindi BJP's attack on Nitish Kumar on the issue of tainted ministers

Highlights

  • भगवा पार्टी ने महागठबंधन कैबिनेट को 'कुशासन कैबिनेट' बताया
  • महागठबंधन मंत्रिमंडल में 70 प्रतिशत से अधिक मंत्रियों पर आपराधिक मामले -ADR की रिपोर्ट
  • मोदी कैबिनेट में शामिल 78 केंद्रीय मंत्रियों में से 34 के खिलाफ आपराधिक मामले

Bihar Politics: बिहार में सत्ता से बेदखल भाजपा ने दागी मंत्रियों के मुद्दे पर बिहार में नवगठित महागठबंधन सरकार पर हमला तेज कर दिया है। भाजपा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया है, जो महागठबंधन मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे के बाद से 'सुशासन बाबू' कहलाना पसंद करते हैं। वहीं भगवा पार्टी ने महागठबंधन कैबिनेट को 'कुशासन कैबिनेट' बताया। अपहरण के एक मामले में नव-नियुक्त कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के खिलाफ एक स्थानीय अदालत द्वारा वारंट जारी करने के बाद नीतीश कुमार को उनके पूर्व गठबंधन सहयोगी (NDA) की कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा।

नवनियुक्त महागठबंधन मंत्रिमंडल में 70% से अधिक मंत्री अपराधी -एडीआर रिपोर्ट

कार्तिकेय सिंह एकमात्र दागी मंत्री नहीं हैं। 16 अगस्त के बाद जारी एडीआर रिपोर्ट के अनुसार, महागठबंधन मंत्रिमंडल में 70 प्रतिशत से अधिक मंत्री आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं। खासकर, दागी मंत्रियों के मुद्दे पर बिहार में महागठबंधन सरकार पर हमला करने के लिए उच्च नैतिक आधार लेने वाली भाजपा में भी केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं। जुलाई 2019 की एडीआर रिपोर्ट के अनुसार, मोदी कैबिनेट में फेरबदल में शामिल 78 केंद्रीय मंत्रियों में से 34 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।

महागठबंधन पर भगवा पार्टी के हमले को 52% लोगों ने सही बताया

ऐसे में सीवोटर-इंडियाट्रैकर ने लोगों की राय जानने के लिए IANS एजेंसी की ओर से एक राष्ट्रव्यापी जनमत सर्वे कराया गया कि क्या बीजेपी का नीतीश कुमार सरकार पर आपराधिक रिकॉर्ड वाले मंत्रियों के मुद्दे पर हमला करना सही है, जबकि पार्टी के पास खुद ऐसे स्थिर नेता हैं। सर्वे से पता चला कि इस मुद्दे पर लोगों की विभाजित राय थी, जिसमें 52 प्रतिशत लोगों ने बिहार में सत्तारूढ़ सरकार पर भगवा पार्टी के हमले को सही बताया। वहीं, 48 फीसदी लोगों ने हमले का जोरदार विरोध किया। जहां तक राजनीतिक समर्थकों के विचारों का सवाल है। सर्वे से पता चला है कि NDA के अधिकांश मतदाताओं, 64 प्रतिशत, लोगों ने भाजपा की महागठबंधन सरकार की आलोचना का समर्थन किया, जबकि विपक्षी समर्थक अपनी राय में बंटे हुए नजर आए।

NDA के विरोधियों के राय बंटे हुए नजर आए

सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, जहां विपक्षी मतदाताओं की राय विभाजित थी, उनमें से एक बड़े अनुपात, 55 प्रतिशत ने विरोध किया। विभिन्न सामाजिक समूहों ने इस मुद्दे पर अलग-अलग विचार साझा किए। जहां उच्च जाति के हिंदुओं के लोगों के एक बड़े अनुपात, 59 प्रतिशत ने भाजपा के हमलों का समर्थन किया। वहीं मुस्लिम उत्तरदाताओं के एक बड़े अनुपात, 59 प्रतिशत ने कहा कि भगवा पार्टी गलत है। सर्वे के दौरान, अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को गहराई से विभाजित किया गया था। सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, जहां 50 प्रतिशत अनुसूचित जाति के उत्तरदाताओं ने भाजपा के हमलों को अस्वीकार किया, वहीं 50 प्रतिशत ओबीसी उत्तरदाताओं ने पक्ष में बात की।

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