नई दिल्ली: मानहानि के एक अहम मामले में इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा को बड़ी राहत मिली है। कांग्रेस की नेता रागिनी नायक द्वारा अपशब्द बोलने का झूठा आरोप लगाए जाने के बाद रजत शर्मा ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था। कांग्रेस नेताओं ने बकायदा यह झूठा आरोप लगाते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में सख्त आदेश देते हुए कांग्रेस नेताओं के आरोप को झूठा बताया। रजत शर्मा के वकील मनिंदर सिंह के तर्कों को सही मानते हुए कोर्ट ने आदेश दिया कि एक हफ्ते के अंदर सोशल मीडिया से कांग्रेस के ऐसे सभी झूठे वीडियो हटाए जाएं। प्रथमदृष्टया कोर्ट ने पाया है कि कांग्रेस नेताओं की तरफ से जो ट्वीट किए गए हैं उनसे रजत शर्मा की रेप्युटेशन को खतरा है। इस मामले में कांग्रेस के नेताओं को समन जारी कर दिया गया है और अब अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।
कांग्रेस नेताओं को कोर्ट ने दिया सख्त आदेश
बता दें कि रागिनी नायक द्वारा अपशब्द बोलने का झूठा आरोप लगाए जाने के बाद रजत शर्मा ने शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष याचिका दायर करके कांग्रेस नेताओं रागिनी नायक, जयराम रमेश और पवन खेड़ा के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा किया था। कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए शनिवार को आदेश दिया कि कांग्रेस को इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस के वीडियो भी हटाने होंगे। इसके साथ ही पवन खेड़ा और जयराम रमेश को अपने ट्वीट भी हटाने होंगे। अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि जो वीडियो सार्वजनिक डोमेन में हैं, उन्हें गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्राइवेट किया जाए और न्यायिक आदेश के बिना उन्हें पब्लिक डोमेन में न डाला जाए।
‘सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं’
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि कांग्रेस के नेताओं ने मनगढ़ंत तरीके से सनसनी फैलाई है और उनके झूठे आरोप वाले सभी वीडियो एक हफ्ते के अंदर हटा लिए जाएं। कोर्ट के आदेश के बाद रजत शर्मा ने X पर लिखा, ‘सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं’। बता दें कि रागिनी नायक ने लाइव शो के 6 दिन बाद ट्वीट करके रजत शर्मा पर गाली देने का झूठा आरोप लगाया था और कांग्रेस नेताओं ने बकायदा इस घिनौने आरोप को मुद्दा बना लिया था। हालांकि कोर्ट ने कांग्रेस को अब सख्त आदेश देते हुए ऐसे सभी झूठे वीडियो को हटाने का आदेश दिया है।
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