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Hindi News भारत राष्ट्रीय जगदीप धनखड़ को राहत, शीत सत्र में अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकेगा विपक्ष, जानें क्या कहता है नियम

जगदीप धनखड़ को राहत, शीत सत्र में अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकेगा विपक्ष, जानें क्या कहता है नियम

राज्यसभा में जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। इस मामले में विपक्ष को झटका लगा है क्योंकि मौजूदा शीत सत्र में ये अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता।

Jagdeep Dhankhar- India TV Hindi Image Source : PTI/FILE जगदीप धनखड़

नई दिल्ली: राज्यसभा में जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बहुत बड़ी खबर सामने आई है। इस मामले में विपक्ष को झटका लगा है क्योंकि धनखड़ के खिलाफ मौजूदा शीत सत्र में अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता। अविश्वास प्रस्ताव के लिए 14 दिन का नोटिस जरूरी है और शीत सत्र में अब सिर्फ 10 दिन बचे हैं। कहा जा रहा है कि मौजूदा सत्र में अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ राजनीतिक स्टंट है।

धनखड़ पर विपक्ष को क्यों 'अविश्वास'?  

इंडिया गठबंधन का आरोप है कि धनखड़ का रवैया पक्षपातपूर्ण है और वह BJP का पक्ष लेते हैं। आरोप है कि धनखड़ विपक्षी सदस्यों को बोलने नहीं देते हैं। विपक्षी सांसदों का माइक ऑफ किया जाता है और विपक्षी सदस्यों पर बार बार टिप्पणी की जाती है। 

राज्यसभा सभापति को हटाने के क्या नियम हैं? 

राज्यसभा सभापति को हटाने के लिए 50 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ नोटिस देना होगा। इसके लिए कम से कम 14 दिन का नोटिस देना जरूरी होता है। राज्यसभा में साधारण बहुमत से प्रस्ताव पास होना चाहिए और राज्यसभा के बाद लोकसभा से भी प्रस्ताव को मंजूरी मिलनी चाहिए। संविधान की धारा 67(b)में सभापति को हटाने का अधिकार दिया गया है।

राज्यसभा का नंबर गेम किसके पक्ष में? 

राज्यसभा में कुल सदस्य 245 हैं, जिसमें एनडीए के 108 सदस्य हैं और विपक्षके 82 सदस्य हैं। वहीं AIADMK, YSRCP, BJD का रुख साफ नहीं है। 

बता दें कि सोमवार को ही ये खबर सामने आई थी कि कांग्रेस राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। 'इंडिया' ब्लॉक के नेताओं ने राज्यसभा के सभापति के खिलाफ नो-कॉन्फिडेंस मोशन लाने का निर्णय लिया है। विपक्षी नेताओं का दावा है कि अब तक इस पर 50 से ज्यादा सांसदों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। 'इंडिया' ब्लॉक की सभी पार्टियों ने इस अविश्वास प्रस्ताव पर सहमति जताई है और जल्द ही इसे राज्यसभा में प्रस्तुत किया जा सकता है।

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