उत्तराखंड सरकार की बड़ी कार्रवाई, 2 अरब रुपए से ज्यादा की कीमत वाली जमीन को कब्जे से कराया मुक्त
उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले के किच्छा में करीब 2 अरब रुपए के मूल्य की 207 एकड़ सीलिंग की भूमि को कब्जे से मुक्त कराया गया है।
ऊधम सिंह नगर: उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले के किच्छा में जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है और करीब 2 अरब रुपए के मूल्य की 207 एकड़ सीलिंग की भूमि को राजस्व विभाग, पुलिस बल की मदद से कब्जे में ले लिया है।
क्या है पूरा मामला?
जिलाधिकारी उदय राज सिंह के आदेश पर उप जिलाधिकारी कौस्तुभ मिश्रा के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम ने किच्छा तहसील क्षेत्र के अंतर्गत बखपुर और अन्य गांवों की सीलिंग की 207 एकड़ भूमि पर कब्जे की कार्यवाही की है।
इस भूमि पर कब्जा लेने के लिए उपजिलाधिकारी कौस्तुभ मिश्रा, तहसीलदार गिरीश त्रिपाठी, पुलिस क्षेत्राधिकारी बहादुर सिंह चौहान के नेतृत्व में राजस्व की टीम एवं पुलिस फोर्स ने कलकत्ता चौकी पर आज सुबह से डेरा डाला था। जहां उपजिलाधिकारी ने ब्रीफिंग कर पुलिस व प्रशासन की टीम को दिशा निर्देश दिए। इसके बाद तीन स्थानों पर प्रशासन ने हदबंदी कर कब्जा लिया है।
उप जिलाधिकारी कौस्तुभ मिश्रा ने बताया कि 1982 में किच्छा तहसील के विभिन्न ग्रामों में सीलिंग की भूमि के पर माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा इस संबंध में एक वाद का निस्तारण किया गया था। जिसमें सीलिंग की भूमि पृथक कर शेष भूमि मालिक के नाम कर दी थी। राज्य बनने के बाद का भूमि का हस्तांतरण राज्य सरकार के पक्ष में नहीं हो पाया था।
विभिन्न न्यायालयों के आदेशों के अनुसार जिलाधिकारी उदय राज सिंह द्वारा सीलिंग की भूमि को कब्जे में लिया गया है। उन्होंने बताया कि 207 एकड़ भूमि पर कब्जा ले लिया गया है। अब जिला प्रशासन इसका उपयोग सरकारी योजनाओं के लिए करेगा। पहले भी उप जिलाधिकारी कौस्तुभ मिश्रा ने धाधा गांव की 70 एकड़ भूमि को भी कब्जे में लिया था।
बता दें कि उत्तराखंड सरकार द्वारा लगातार जमीन को कब्जे से मुक्त कराने के लिए अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत कई जमीनों पर अवैध कब्जों को हटाया गया है और उन जमीनों को मुक्त करवाकर वैधानिक कार्रवाई की गई है। सरकार का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में अवैध कब्जों को हटाया जाए, जिससे सरकारी जमीनों को अतिक्रमण से मुक्त कराया जा सके। सरकार की इस कार्रवाई से भूमाफियों की नींद उड़ी हुई है। (इनपुट: नाहिद खान)