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Hindi News भारत राष्ट्रीय Bhima Koregaon Case: भीमा कोरेगांव केस में वरवरा राव को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत

Bhima Koregaon Case: भीमा कोरेगांव केस में वरवरा राव को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत

Bhima Koregaon Case: जस्टिस यू यू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने राव को जमानत देते हुए कहा कि वह किसी भी तरह से स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेंगे। साथ ही राव ट्रायल कोर्ट की मंजूरी बिना मुंबई नहीं छोड़ेंगे और गवाहों से किसी भी तरह से संपर्क करने की कोशिश नहीं करेंगे।

Varavara Rao- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Varavara Rao

Highlights

  • मेडिकल कंडीशन के आधार पर मिली जमानत
  • सुप्रीम कोर्ट ने रखी है शर्त
  • राव ट्रायल कोर्ट की मंजूरी बिना मुंबई नहीं छोड़ेंगे और गवाहों से संपर्क करने की कोशिश नहीं करेंगे

Bhima Koregaon Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को भीमा कोरेगांव हिंसा के मामले के आरोपी वरवरा राव को मेडिकल कंडीशन के आधार पर नियमित जमानत दे दी है। इससे पहले उन्हें अंतरिम जमानत दी गई थी। अंतरिम जमानत को नियमित जमानत में बदलने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह शर्त रखी कि राव ट्रायल कोर्ट की मंजूरी बिना मुंबई नहीं छोड़ेंगे। राव गवाहों से संपर्क करने की कोशिश नहीं करेंगे। इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने 83 वर्षीय कवि राव की याचिका ठुकरा दी थी।

मेडिकल कंडीशन के आधार पर मिली नियमित जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने आज बुधवार को भीमा कोरेगांव हिंसा मामले के आरोपी कवि वरवरा राव को उनके मेडिकल कंडीशन के आधार पर नियमित जमानत दे दी। इससे पहले उन्हें अंतरिम जमानत दी गई थी। इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने राव की याचिका खारिज कर दी थी। राव ने बॉम्बे हाईकोर्ट से खराब स्वास्थ्य के आधार पर नियमित जमानत मांगी थी, जिसे उसने 13 अप्रैल को खारिज कर दी थी। इसके बाद राव ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जस्टिस यू यू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने राव को जमानत देते हुए कहा कि वह किसी भी तरह से स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेंगे। साथ ही राव ट्रायल कोर्ट की मंजूरी बिना मुंबई नहीं छोड़ेंगे और गवाहों से किसी भी तरह से संपर्क करने की कोशिश नहीं करेंगे।

2018 में हुई हैदराबाद से हुई थी गिरफ्तारी

वरवरा राव को 28 अगस्त 2018 को हैदराबाद में उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। उनके व अन्य के खिलाफ भीमा कोरेगांव मामले में पुणे पुलिस ने 8 जनवरी 2018 को विश्रामबाग पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज किया गया था। राव पर IPC की विभिन्न धाराओं और Unlawful Activities (Prevention) Act (UAPA) के तहत केस दर्ज किया गया था।  राव को शुरू में नजरबंद रखा गया था, लेकिन 17 नवंबर 2018 को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। बाद में उन्हें मुंबई की तलोजा जेल में ट्रांसफर कर दिया गया था। 

क्या था पूरा मामला

बता दें कि ये मामला 31 दिसंबर 2017 में पुणे में आयोजित एल्गार परिषद के कार्यक्रम में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने से जुड़ा है। पुलिस का दावा है कि इस भाषण की वजह से अगले दिन कोरेगांव-भीमा में हिंसा फैली। पुलिस का दावा है कि इस कार्यक्रम का आयोजन करने वाले लोगों के माओवादियों से संबंध हैं। राव को 28 अगस्त 2018 को हैदराबाद स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। 

पुणे पुलिस ने 8 जनवरी 2018 को IPC की विभिन्न धाराओं और UAPA के तहत FIR दर्ज की थी। राव पर आरोप है कि भीमा-कोरेगांव में लोगों ने जो हिंसा हुई, उसके पीछे राव के भाषणों की भी भूमिका थी। राव की तरफ से पहले भी जमानत अर्जी लगाई जाती रही है लेकिन कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली। अब मेडिकल कंडीशन के आधार पर अदालत से उन्हें जमानत मिली है। मूल से कवि राव ने कई किताबें लिखी हैं और अनुवाद किया है। इनकी कविताओं का अनुवाद कई भाषाओं में भी किया गया है।  

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