भीम आर्मी प्रमुख 'चंद्रशेखर आजाद' ने देशवासियों से की ये अपील, हुआ था जानलेवा हमला, ताजा हेल्थ अपडेट भी सामने आया
भीम आर्मी नेता और आजाद समाज पार्टी-कांशीराम के प्रमुख चंद्र शेखर आजाद की सेहत से जुड़ी लेटेस्ट जानकारी सामने आई है। सहारनपुर के सीएमएस का कहना है कि आजाद बिल्कुल ठीक हैं।
देवबंद: भीम आर्मी नेता और आजाद समाज पार्टी-कांशीराम के प्रमुख चंद्र शेखर आजाद का ताजा हेल्थ अपडेट सामने आया है। सहारनपुर के सीएमएस डॉ रतन पाल सिंह ने कहा है, 'चंद्रशेखर आजाद बिल्कुल ठीक हैं। हमने डिजिटल एक्सरे, अल्ट्रासाउंड कर लिया है। पेट के अंदर न कोई गोली है और न ही छर्रे हैं। घबराने की कोई बात नहीं है।' बता दें कि बुधवार को चंद्रशेखर पर फायरिंग हुई थी, जिसमें गोली उनकी कमर को छूते हुए निकल गई थी।
चंद्रशेखर ने हॉस्पिटल से की देशवासियों से अपील
चंद्रशेखर ने कहा, 'मुझे इस तरह के अचानक हमले की उम्मीद नहीं थी। मैं देश भर में अपने दोस्तों, समर्थकों और कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। हम अपनी लड़ाई संवैधानिक रूप से जारी रखेंगे। करोड़ों लोगों के प्यार और आशीर्वाद से मैं ठीक महसूस कर रहा हूं।'
क्या है पूरा मामला
देवबंद में कार सवार हमलावरों ने बुधवार को भीम आर्मी के संस्थापक और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के काफिले पर फायरिंग की थी। हालांकि गोली चंद्रशेखर को छूकर निकल गई, जिससे वह बाल-बाल बच गए। चंद्रशेखर पर अज्ञात हमलावरों ने फायरिंग की है। एंबुलेस चंद्रशेखर को लेकर देवबंद से निकली और उन्हें सहारनपुर के जिला अस्पताल में ले जाया गया।
हमले के बाद चंद्रशेखर आजाद रावण ने बताया, 'मुझे याद नहीं है लेकिन मेरे लोगों ने उनकी पहचान की है। उनकी गाड़ी आगे सहारनपुर की तरफ भागी। हमने यू टर्न ले लिया। हमारी गाड़ी अकेली ही थी, कुल 5 लोग थे। हमारे साथी डॉक्टर को भी शायद गोली लगी है।'
'चंद्रशेखर आजाद रावण' कौन हैं?
चंद्रशेखर आजाद रावण भीम आर्मी के प्रमुख हैं और दलित समाज पर उनकी पकड़ा काफी मजबूत मानी जाती है। उन्हें मायावती के बाद दलितों का दूसरे नंबर का नेता माना जाता है। उनका जन्म 3 दिसंबर 1986 को सहारनपुर स्थित घडकौली गांव में हुआ था। चंद्रशेखर ने देहरादून से कानून की पढ़ाई की और फिर राजनीति में सक्रिय हो गए।
साल 2014 में चंद्रशेखर आजाद, दलित एक्टिविस्ट सतीश कुमार और विनय रतन आर्य ने भीम आर्मी की स्थापना की थी। ये संगठन बाबा साहेब अंबेडकर की विचारधारा को मानता है और दलितों-पिछड़ों की आवाज को प्रखरता से उठाता है।
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