भारत-इजराइल संबंधों को आगे ले जाने, नए लक्ष्य निर्धारित करने का सर्वश्रेष्ठ समय: प्रधानमंत्री मोदी
भारत-इजरायल संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का दिन हमारे संबंधों में एक विशेष महत्व रखता है, 30 साल पहले आज ही दिन हमारे बीच डिप्लोमेटिक रिलेशन पूर्ण रूप से स्थापित हुए थे। दोनों देशों के बीच एक नए अध्याय की शुरुआत हुई थी ये अध्याय नया था लेकिन हमारे देशों का इतिहास बहुत पुराना है।
Highlights
- भारत और इजराइल के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध 29 जनवरी 1992 को स्थापित हुआ
- भारत और इजराइल के बीच राजनयिक संबंधों की 30वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री ने बधाई दी
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत और इजराइल के आपसी संबंधों को और आगे ले जाने और नए लक्ष्य निर्धारित करने का इससे बेहतर समय कुछ नहीं हो सकता। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दुनिया में हो रहे महत्वपूर्ण बदलावों के मद्देनजर दोनों देशों के आपसी संबंधों का महत्व और बढ़ गया है। भारत और इजराइल के बीच कूटनीतिक संबंधों की 30वीं वर्षगांठ के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने एक वीडियो संदेश में यह भी उम्मीद जताई कि इजराइल के साथ भारत की दोस्ती आने वाले दशकों में आपसी सहयोग के नए कीर्तिमान स्थापित करती रहेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘हमारे लोगों के बीच सदियों से घनिष्ठ नाता रहा है। जैसा कि भारत का मूल स्वभाव रहा है, सैकड़ों वर्षो से हमारा यहूदी समुदाय भारतीय समाज में बिना किसी भेदभाव के एक सौहार्दपूर्ण वातावरण में रहा है और पनपा है तथा उसने हमारी विकास यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज जब दुनिया में महत्वपूर्ण परिवर्तन हो रहे हैं, भारत इजराइल संबंधों का महत्व और बढ़ गया है। आपसी सहयोग के लिए नए लक्ष्य रखने का इससे अच्छा अवसर और क्या हो सकता है, जब भारत अपनी स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ इस वर्ष मना रहा है और इजराइल अगले साल अपनी स्वतंत्रता की 50 वीं वर्षगांठ मनाने वाला है।’’
भारत और इजराइल के बीच राजनयिक संबंधों की 30वीं वर्षगांठ पर बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि भारत और इजराइल की दोस्ती आने वाले दशकों में आपसी सहयोग के नए कीर्तिमान स्थापित करती रहेगी। ज्ञात हो कि 30 साल पहले आज ही के दिन भारत और इजराइल के बीच राजनयिक संबंध पूर्ण रूप से स्थापित हुए थे। भारत ने 17 सितंबर 1950 को इजराइल को मान्यता दी थी, लेकिन देशों के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध 29 जनवरी 1992 को स्थापित हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज ही के दिन दोनों देशों के बीच एक नए अध्याय की शुरुआत हुई थी। भले ही अध्याय नया था, लेकिन हमारे दोनों देशों का इतिहास बहुत पुराना है।’’
प्रधानमंत्री का यह संबोधन ऐसे समय में हुआ है, जब अमेरिकी समाचार पत्र ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ (एनवाईटी) की खबर को लेकर भारत की राजनीति गरमाई हुई है। इस खबर के अनुसार, 2017 में भारत और इजराइल के बीच हुए लगभग दो अरब डॉलर के अत्याधुनिक हथियारों एवं खुफिया उपकरणों के सौदे में पेगासस स्पाईवेयर तथा एक मिसाइल प्रणाली की खरीद मुख्य रूप से शामिल थी। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार पर चौतरफा हमला किया है। कांग्रेस ने सरकार पर संसद और उच्चतम न्यायालय को धोखा देने, लोकतंत्र का अपहरण करने और देशद्रोह में शामिल होने का आरोप लगाया है।
हालांकि केंद्रीय मंत्री जनरल (सेवानिवृत) वी.के. सिंह ने इस रिपोर्ट को विश्वास ना करने वाला कहते हुए एनवाईटी को ‘‘सुपारी मीडिया’’ करार दिया। सरकार की ओर से अभी तक इस विषय पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन एक सरकारी सूत्र ने बताया कि पेगासस सॉफ्टवेयर से जुड़े विषय की निगरानी उच्चतम न्यायालय के तहत एक समिति कर रही है, जिसकी अध्यक्षता शीर्ष न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर.वी. रविंद्रन कर रहे हैं। सूत्र ने कहा कि समिति की रिपोर्ट का इंतजार है।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के उस ‘‘आक्षेप’’ को ''पूरी तरह बकवास'' करार दिया, जिसमें कहा गया है कि इजराइली स्पाईवेयर सहित अन्य उपकरणों की खरीद का सौदा होने के बाद इजराइल तथा नयी दिल्ली के बीच संबंध और गहरे हो गए तथा फिर भारत ने 2019 में संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक परिषद में इजराइल के समर्थन में मतदान किया। वर्ष 2016 से 2020 तक संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रहे अकबरुद्दीन ने न्यूयॉर्क टाइम्स (एनवाईटी) की रिपोर्ट पर एक ट्वीट टैग करते हुए कहा,‘‘भारत के संयुक्त राष्ट्र वोट के बारे में आक्षेप पूरी तरह से बकवास है।’’
इन विवादों के बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर और इजराइल के विदेश मंत्री यायर लैपिड ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 30 साल पूरे होने पर अखबार ‘इजराइल हयोम’ के लिए एक संयुक्त ऑप-एड ‘‘डीपनिंग रूट्स’’ लिखा है। उन्होंने लिखा कि दोनों देशों के बीच ‘‘मित्रता और विश्वास’’ न केवल विशिष्टताएं हैं बल्कि ‘‘वास्तविक संपत्ति’’ भी है। उनके मुताबिक दोनों देशों ने पिछले तीन दशकों से रिश्ते प्रगाढ़ करते हुए सुरक्षा क्षेत्र सहित आम चुनौतियों का समाधान खोजने की दिशा में साथ मिलकर काम किया है।
कुछ ही दिन पहले, भारत में इजराइली राजदूत नाओर गिलोन ने कहा था कि भारत-इजरायल राजनयिक संबंधों की 30वीं वर्षगांठ आगे देखने और अगले 30 वर्ष के संबंधों को आकार देने का एक अच्छा अवसर है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग आगे बढ़ेगा। इस अवसर पर इज़राइल में भारत के राजदूत संजीव सिंगला ने कहा था, “हमें अपने द्विपक्षीय संबंधों की 30वीं वर्षगांठ को चिन्हित करने पर गर्व है और इस विशेष मौके के लिए पूरे वर्ष विशेष लोगो का उपयोग करने के लिए तत्पर हैं।”