"150 ग्राम MDMA और पासपोर्ट पकड़े गए हैं, बचना है तो..." कह फ्रॉड ने लगा दिया सवा 2 करोड़ का चूना
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक हैरान कर देने वाला मामला हुआ है। यहां एक बिजनेसमैन को झांसा देकर साइबर फ्रॉड ने करोड़ों रुपये ऐंठ लिए हैं।
देश की IT राजधानी कही जाने वाली बेंगलुरु शहर से साइबर क्राइम का एक अनूठा मामला सामने आया है, जिसे जान आप भी हैरान हो जाएंगे। यहां एक सॉफ्टवेयर कम्पनी के मालिक को साइबर ठगों ने अपने झांसे में लेकर सवा 2 करोड़ रुपए का चूना लगा दिया। दरअसल, बेंगलुरु के C V रामन नगर में रहने वाले एक बिजनेसमैन ने 16 फरवरी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनके साथ 2.30 करोड़ रुपए की ठगी की गई है।
आपके नाम का पार्सल पकड़ा गया
इस शख्स को 6 फरवरी को सुबह तकरीबन साढ़े 8 बजे एक कॉल आया कॉलर ने कहा कि वो फेडेक्स कुरियर कम्पनी से कॉल कर रहा है, एक पार्सल जो इस शख्स के नाम पर था, उसमें 150 ग्राम MDMA, 4 KG कपड़े और 4 पासपोर्ट थे और उसे गैर कानूनी तरीके से शेंघाई भेजा जा रहा था, इस पार्सल के पकड़े जाने के बाद मुंबई के अंधेरी नारकोटिक्स पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ है। पहले तो 66 साल के इस बिज़नेसमैन को कॉलर की बातों पर भरोसा नहीं हुआ लेकिन जब उसने आधार नम्बर और फोन नम्बर के साथ डिटेल दी तो ये व्यक्ति पैनिक हो गया।
डर का उठाया फायदा
जैसे ही कॉलर को लगा कि बिज़नेसमैन पैनिक हो रहा है तो तुरंत उसने इस कॉल को अंधेरी पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर करने की बात कही और फिर खुद को DCP बालाजी सिंह कहने वाले एक व्यक्ति ने इनसे बातचीत शुरू कर दी, हालांकि सॉफ्टवेयर कम्पनी के मालिक बार बार ये कहते रहे कि उन्होंने ऐसा कोई पार्सल नहीं भेजा है, लेकिन कथित DCP ने कानून का हवाला देकर उन्हें तुरंत मुंबई आने को कहने लगा।
स्काइप पर दिखाया पुलिस स्टेशन
जब इस बिजनेसमैन ने तुरंत मुंबई आने में असमर्थता जाहिर की तो बालाजी सिंह नाम के इस DCP ने स्काइप वीडियो कॉल के जरिए स्टेटमेंट दर्ज करने की बात की और जैसे ही स्काइप वीडियो कॉल शुरू हुआ इस बिजनेस मैन को एक पुलिस स्टेशन का सेट अप नज़र आया और बालाजी सिंह सहित कुछ और लोग पुलिस की वर्दी में दिखे, इस बात ने इस बिजनेसमैन को और डरा दिया और उन्हें लगने लगा कि ये असली पुलिस स्टेशन है।
पैसा RBI में ट्रांसफर करो
इस शख्स को डरा हुआ देखकर खुद को DCP बताने वाले ठग ने अपनी अगली चाल चली, बिज़नेस मैन से कहा गया कि उनके आधार कार्ड की मदद से एक बैंक अकाउंट खोला गया है जिसके जरिए मनी लांड्रिंग की गई है, साथ ही उन्हें ये चेतावनी भी दी गई कि बेंगलुरु में उनके स्लीपर सेल्स हैं जो उनकी हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं, अगर वो इस केस से बचना चाहते हैं तो उन्हें अपने घर वालों सहित किसी से भी इस बात का जिक्र नहीं करें, इस बिज़नेस मैन ने अपनी पुलिस शिकायत में बताया कि डर के मारे उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था।
इतने में खुद को DCP बताने वाले शख्स ने एक एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें अपने सारे पैसे RBI के खाते में जमा कराने होंगे और वेरिफिकेशन के बाद ये रुपए वापस उनके खाते में ट्रांसफर कर दिए जाएंगे। इसके बाद 7 फरवरी से लेकर 14 फरवरी के बीच इस बिजनेस मैन ने अलग अलग 8 खातों में 2 करोड़ 30 लाख रुपए जमा करवाए, जिसके बाद स्काइप काल आना बंद हो गया। अब इस बिजनेसमैन को एहसास हो गया था कि वो साइबर फ्रॉड का शिकार हुए हैं और ठगों ने उन्हें चूना लगा दिया है।
बेंगलुरु पुलिस की अपील
साइबर फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, इस बात के मद्देनजर बेंगलुरू पुलिस ने भी जनता से सतर्क रहने की अपील की है, पुलिस ने अपील की है कि ऐसे मामलों में लोगों को पैनिक नहीं होना चाहिए और न ही कोई पैसे भेजने चाहिए उससे पहले इस बारे में लोकल पुलिस स्टेशन जाने की बात कहते हुए पुलिस को इस बात की तुरंत जानकारी देनी चाहिए ताकि लोगों की मेहनत का पैसा कोई आसानी से गबन न कर पाए। यहां पर ये बताना जरूरी है कि साइबर फ्रॉड से ठगे गए रुपयों की रिकवरी का काम पुलिस के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे में अधिकांश मामलों में रुपयों की रिकवरी हो ही नहीं पाती है।
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