बेंगलुरु: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु को देश की आईटी और स्टार्टअप राजधानी कहा जाता है। यहां कई अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के ऑफिस हैं। देश के कई स्टार्टअप इसी शहर में फल-फूल रहे हैं। अब इस शहर में पानी की किल्लत हो गई है। कई बड़ी-बड़ी सोसाइटियों में बूंद-बूंद पानी के लिए लोग तरस रहे हैं। मुख्यमंत्री आवास में भी पानी की किल्लत बताई जा रही है। बेंगलुरु के इस जल संकट से हर कोई परेशान नजर आ रहा है।
गैर-जरूरी उद्देश्यों के लिए पेयजल के उपयोग पर प्रतिबंध
वहीं सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए कई फैसले लिए हैं। यहां जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (बीडब्ल्यूएसएसबी) ने गैर-जरूरी उद्देश्यों के लिए पेयजल के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है और इस आदेश का उल्लंघन करने वालों पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। बीडब्ल्यूएसएसबी ने कहा कि सभी के लिए पेयजल की आपूर्ति आवश्यक है। उसने कहा कि शहर में तापमान रोजाना बढ़ रहा है और हाल के दिनों में बारिश की कमी के कारण भूजल स्तर में गिरावट आई है इसलिए बेंगलुरु शहर में पानी की बर्बादी को रोकना जरूरी है।
पानी की बर्बादी पर लगेगा 5 हजार का जुर्माना
आदेश में कहा गया है कि पेयजल का संयमित उपयोग करना लोगों के लिए आवश्यक बना दिया गया है। बीडब्ल्यूएसएसबी ने बेंगलुरु जल आपूर्ति एवं सीवरेज अधिनियम 1964 की धारा 33 और 34 के तहत सात मार्च को जनहित में एक आदेश जारी कर बेंगलुरु शहर में वाहनों की सफाई, इमारतों और सड़कों के निर्माण, मनोरंजक गतिविधियों या फव्वारे जैसी सजावट के लिए पेयजल के उपयोग पर रोक लगा दी। मॉल और सिनेमा हॉल को केवल पीने के लिए पेयजल का उपयोग करने की अनुमति है। वहीं इस आदेश का पहली बार उल्लंघन किए जाने पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और दोबारा उल्लंघन करने पर 5,000 रुपये जुर्माना और 500 रुपये प्रतिदिन का अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा।’’
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