नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें कोरोना के नए वैरिएंट के संक्रमण के खतरे और उससे निपटने की तैयारियों पर चर्चा हुई। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने इस बैठक में कहा कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य को मिलकर एक संपूर्ण सरकार के अप्रोच से काम करने की जरूरत है। अस्पतालों को तैयारियों की मॉक ड्रिल करनी होगी और कोविड की निगरानी बढ़ानी होगी। साथ ही लोगों के साथ प्रभावी कम्यूनिकेशन भी रखना होगा ताकि समय रहते संक्रमण पर काबू पाया जा सके और प्रभावितों को सही इलाज मुहैया हो।
तैयारियों में किसी तरह की ढिलाई नहीं
मनसुख मंडाविया ने कहा कि हर तीन महीने में एक बार सभी अस्पताल कोविड की तैयारियों को लेकर मॉक ड्रिल करें। मैं सभी राज्यों को केंद्र की ओर से पूरी सहायता का भरोसा देता हूं। हमारी तैयारियों में किसी तरह की ढिलाई नहीं होनी चाहिए। स्वास्थ्य का मामला कोई राजनीति का क्षेत्र नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय हर सहायता के लिए उपलब्ध है।
मंगलवार को 288 नए मामले सामने आए
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया कि सर्दियों के मौसम में ठंड की स्थिति और आने वाले त्योहारी सीजन को देखते हुए हर तरह के बचाव के उपाय अपनाए जाएं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 288 नए मामले सामने आए। एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 1,970 हो गई है। वहीं केरल में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 115 नए मामले सामने आए जिससे राज्य में कोविड-19 के कुल उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 1,749 हो गई।
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