जबलपुर : अपने विवादित बयानों के चलते अक्सर सुर्खियों में रहने वाली बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर अपने बयान के चलते सुर्खियों में है। दरअसल, जबलपुर के पनागर में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आखिरी दिन था। इस दौरान बाबा बागेश्वर लोगों से संवाद कर रहे थे प्रश्नों के जवाब दे रहे थे।
इसी दौरान एक डॉक्टर शैलेंद्र राजपूत ने बाबा से सवाल पूछा कि "हमारे हिंदुस्तान में बहुत सारे लोग साईं भक्त है। महाराष्ट्र में भी,साउथ में भी बहुत साईं भक्त है। लेकिन सनातन साईं भगवान मूर्ति पूजा को नकरता नज़र आता है जबकि साईं की पूजा पूरी सनातनी पद्धति से होती है"
बाबा बागेश्वर ने इसका जवाब देते हुए कहा "हमारे धर्म के शंकराचार्य जी ने साईं बाबा को देवताओं का स्थान नहीं दिया है और शंकराचार्य की बात मानना प्रत्येक सनातनी का धर्म है क्योंकि वह अपने धर्म के प्रधानमंत्री हैं औऱ कोई भी संत चाहे वो हमारे धर्म पंथ के हो या फिर, गोस्वामी तुलसीदास जी हों या सूरदास जी हों, संत हैं महापुरुष है, युगपुरुष है, कल्पपुरूष हैं लेकिन भगवान नहीं हैं।"
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आगे कहा कि "लोगों की अपनी अपनी निजी आस्था है और किसी की आस्था को हम ठेस नहीं पहुंचा सकते इतना कह सकते हैं। साईं बाबा संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं पर भगवान नहीं हो सकते। अब आप ने कहा हिंदू धर्म से पूजा होती है, वैदिक धर्म से पूजा होती है, देखो भाई ऐसा बोलूंगा तो लोग इसको कॉन्ट्रोवर्सी में ले लेंगे लेकिन यह बोलना भी जरूरी है। गीदड़ की खाल पहन कर कोई शेर नहीं बन सकता है। बागेश्वर धाम सरकार मान ले कि हम शंकराचार्य जी का छत्र लगा लें और सिहासन लगवा लें और चरम लगा लेंगे और कह दे कि हां भाई शंकराचार्य बैठे हैं तो क्या हम बन जाएंगे नहीं। नहीं । भगवान भगवान हैं और संत संत हैं'।तो साई के प्रति हमारा क्या आदर है आप इसमें न पड़ना, न पूछना, पर साईं भगवान नहीं हैं ऐसा हमारे शंकराचार्य कहते हैं और उन के ऊपर आप सवाल उठा सकते हैं।'
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