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Hindi News भारत राष्ट्रीय Azam Khan News: आजम खान ने हाई कोर्ट से लागू जमानत की एक शर्त को दी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, जानें क्या है पूरा मामला

Azam Khan News: आजम खान ने हाई कोर्ट से लागू जमानत की एक शर्त को दी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, जानें क्या है पूरा मामला

Azam Khan News: पीठ ने कहा कि जमानत की शर्त के तौर एक विश्वविद्यालय को कैसे ढहाया जा सकता है। इसके साथ ही पीठ ने पाशा से कहा कि वह मामले का जिक्र रजिस्ट्रार के समक्ष करें।

Azam Khan - India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Azam Khan News

Highlights

  • जौहर विश्वविद्यालय की इमारतों को गिराने की शर्त, आजम खान का दावा
  • पीठ ने कहा- शर्त के तौर एक विश्वविद्यालय को कैसे ढहाया जा सकता है
  • वकील ने कहा- जिला प्रशासन आदेश का पालन करना चाहता है

Azam Khan News: समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक आजम खान ने इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा लागू जमानत की एक शर्त को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। आजम खान का दावा है कि यह शर्त उनके जौहर विश्वविद्यालय की इमारतों को गिराने की है, जो कथित तौर पर शत्रु संपत्ति पर कब्जा करके बनाई गई हैं। 

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ को वकील निजाम पाशा ने बताया कि हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत की शर्त के तौर पर विश्वविद्यालय को 'गिराने' का आदेश दिया है और अब जिला प्रशासन आदेश का पालन करना चाहता है। पाशा ने अदालत से अनुरोध किया, "कृपया इस याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें।" 

'जमानत की शर्त के तौर एक विश्वविद्यालय को कैसे ढहाया जा सकता है?'

पीठ ने कहा कि जमानत की शर्त के तौर एक विश्वविद्यालय को कैसे ढहाया जा सकता है। इसके साथ ही पीठ ने पाशा से कहा कि वह मामले का जिक्र रजिस्ट्रार के समक्ष करें। हाई कोर्ट ने 10 मई को खान को अंतरिम जमानत देते हुए रामपुर जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया था कि वह जौहर विश्वविद्यालय के परिसर से जुड़ी शत्रु संपत्ति को 30 जून 2022 तक अपने कब्जे में लें और इसके इर्द-गिर्द चहारदीवारी बना दें। 

अदालत ने कहा था कि भूमि का कब्जा लेने की उक्त कवायद जब रामपुर के जिलाधिकारी के संतोष के अनुसार पूरी हो जाए, तो आजम खान की अंतरिम जमानत को नियमित जमानत में बदल दिया जाएगा। पाशा ने शुरुआत में कहा कि जिस जमीन पर विश्वविद्यालय बना है, उसे लेकर वक्फ बोर्ड और जमीन के संरक्षक के बीच एक विवाद को लेकर हाई कोर्ट में रिट याचिका विचाराधीन है और उस पर स्थगन आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद हाई कोर्ट के एकल न्यायाधीश ने जमानत की शर्त के रूप में भूमि को संरक्षक के सुपुर्द करने का आदेश दिया। 

पाशा ने कहा कि अब जिला प्रशासन ने उस भूमि को विश्वविद्यालय के दो भवनों के बीच पड़ने वाली जमीन के हिस्से के तौर पर चिह्नित किया है और इमारतों को खाली करने का नोटिस जारी किया है, ताकि जमानत आदेश का पालन करने के लिए उन्हें गिराया जा सके। पीठ ने पाशा से इसे तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए रजिस्ट्रार के समक्ष उल्लेख करने को कहा। 

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